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यह है पंजाब का पहला स्कूल, जहां बच्चे करीब से देख सकते हैं सौरमंडल Jalandhar News

सरकारी मिडिल स्कूल अवतार नगर के बरामदे में छत डलवाने के बजाए गोलाकार सरिये के साथ फाइबर से बने ग्रहों के जोड़कर बनाया गया है। यह बिल्कुल सौरमंडल जैसा प्रतीत होता है।

By Edited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 08:21 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 09:44 AM (IST)
यह है पंजाब का पहला स्कूल, जहां बच्चे करीब से देख सकते हैं सौरमंडल  Jalandhar News
यह है पंजाब का पहला स्कूल, जहां बच्चे करीब से देख सकते हैं सौरमंडल Jalandhar News

जालंधर, [अंकित शर्मा]।  पंजाब का पहला स्कूल, जहां बच्चे सौरमंडल को करीब से देख सकते हैं। अध्यापकों ने बच्चों में साइंस विषय की रुचि बढ़ाने के लिए ऐसा प्रयोग किया है। यह स्कूल ऐसा है कि इसके बरामदे में खड़े होकर बच्चे जब आकाश की ओर देखेंगे, तो उन्हें सभी ग्रह दिखाई देंगे। ऐसा माहौल सरकारी मिडिल स्कूल अवतार नगर के बरामदे में छत डलवाने के बजाए गोलाकार सरिये के साथ फाइबर से बने ग्रहों के जोड़कर बनाया गया है। यह बिल्कुल सौरमंडल जैसा प्रतीत होता है।

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इसमें दिखाया है किस प्रकार सूर्य के इर्द-गिर्द सभी ग्रह घूमते हैं। बच्चे हर ग्रह के नाम और उनकी चाल, धरती से सभी ग्रहों की दूरियां इत्यादि जानकारियों यहां से हासिल कर सकते हैं । स्कूल के मुख्य द्वार पर स्लोगन भी लगाए गए हैं। पानी की पाइप को पैंसल के रूप में पेंट किया गया है। पहली मंजिल पर खिड़की की जगह पर पृथ्वी (ग्लोब) बनाया है, जिसे बच्चे आते-जाते घुमाते हुए देश-विदेश की जानकारियां ले रहे हैं। उसके साथ ही जलियांवाला बाग की झलक दिखाई है। इसी प्रकार स्कूल के ऊपर लगी ग्रिल का आकर वर्ग, चक्कर, त्रिभुज और आयत के रूप में दिया गया है।

महज चार मरले की जगह, नीचे प्राइमरी और ऊपर मिडिल स्कूल

अवतार नगर की गली नंबर सात में सरकारी स्कूल महज चार मरले की जगह में तीन मंजिला बना हुआ है। सबसे नीचे सरकारी प्राइमरी स्कूल है। पहली व दूसरी मंजिल पर मिडिल स्कूल है। शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों में साइंस और गणित पार्क बनाने के लिए ऑर्डर आए थे। तभी अध्यापकों ने सोचा कि कम जगह होने पर पार्क तो नहीं बनाए जा सकते, लेकिन बच्चों के लिए कुछ नया किया जाना चाहिए, जिसे बच्चे स्कूल में आते-जाते देखें और खेल-खेल में उनकी जानकारियों को याद भी रख सकें, इसलिए दीवार पर उकेरे गए सौरमंडल को आकार देने का विचार हुआ।

अब साथ में दीवार पर लिखेंगे कविता

स्कूल इंचार्ज कुलविंदर कौर का कहना है कि स्कूल की हर दीवार पर बच्चों के लिए लर्निग मैटर को रंगों व पेंटिंग के जरिए उकेर दिया गया था। ऐसे में सौर मंडल का मॉडल बनने का फैसला लिया गया। आर्ट डायरेक्टर रूपिंदर सिंह रोमी फिल्मों में सेट बनाते हैं। उन्हें इस बारे में बताया गया। उन्होंने फाइबर को सांचे में पिघलाकर हर ग्रह को आकार दिया और इस मॉडल का रूप निखारा। अब इस मॉडल के बाद सामने की दीवार पर कविता लिखी जाएगी, जो सौर मंडल पर आधारित होगी।

बच्चे किताबों से पढ़ने के बजाय देख कर जल्द सीखते हैं

अध्यापक सुमित गुप्ता कहते हैं कि बच्चे किताबों से पढ़ने के बजाए देखकर जल्द सीखते हैं, इसलिए जब विभाग की तरफ से हिदायतें मिली, तो जगह कम होने की परेशानी सामने आई। ऐसे में पहले थ्री-डी मैप बनाया गया और गणित मॉडल बनाया गया, जिसमें कील लगाई गई, जहां से बच्चों को त्रिभुज, चतुर्भुज आदि की जानकारी दी जा रही है। इस सारे प्रोजेक्ट में अध्यापक कुलविंदर कौर ने बेहद एफर्ट किए, ताकि जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि उनके पुराने छात्र मनदीप कुमार का इसमें सराहनीय योगदान रहा। क्योंकि गोलाकार ग्रह तो बना लिए थे, पर गोलाकार में सरिया कहीं से नहीं मिल पा रह था। ऐसे में मनदीप कुमार ने प्रयास करके सरिये को गोलाकार रूप दिया और उसी में ग्रहों को फिट करके रूप दिया।

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