आलू की रिकार्ड पैदावार बनी किसानों के लिए समस्या
सत्येन ओझा, जालंधर। जिले में आलू की रिकार्ड पैदावार से छोटे आलू उत्पादक किसानों के चेहरों पर
सत्येन ओझा, जालंधर। जिले में आलू की रिकार्ड पैदावार से छोटे आलू उत्पादक किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें हैं। जिले के 177 कोल्ड स्टोरेज में आलू भंडारण की क्षमता 4,86,400 मीट्रिक टन है, इस साल 4.63,277 मीट्रिक टन आलू की पैदावार होने की संभावना है, अगर बाहरी जिलों से जालंधर के कोल्ड स्टोरेज में आलू भंडारण हुआ या फिर आलू के अलावा स्टोरेज में अन्य फल व सब्जियां आदी रखी जाती हैं तो किसानों भारी नुकसान होगा।
क्या है स्थिति
डिप्टी डायरेक्टर बागबानी डॉ.सतवीर सिंह के अनुसार जिले में इस बार 21,200 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की बीजाई हुई है। जालंधर के कुल 179 कोल्ड स्टोरेज में 4,86400 मीट्रिक टन आलू भंडारण की क्षमता है। काफी आलू पटाई के समय सीधे मंडी में चला जाता है, ऐसे में भंडारण की कोई समस्या अभी तक नहीं है। कुछ कोल्ड स्टोरेज की जांच भी की गई लेकिन अभी मार्च के बाद ही आलू स्टोर होगा, फिलहाल बुकिंग की जा रही है।
छोटे किसानों की चिंता
गांव बडाला के छोटे आलू उत्पादक किसान कश्मीरी लाल का कहना है बाहरी व्यापारियों के न आने से इस बार आलू मंडी में 100-150 रुपये प्रति बोरी (50 किग्रा) के भाव बेचना पड़ रहा है, जबकि लागत इससे ज्यादा है। मंडी में आलू बेचना उनकी मजबूरी है, क्योंकि छोटे किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज में भी जगह सीमित हैं।
बड़े किसान निश्चिंत
लावंड़ा गांव के प्रमुख आलू उत्पादक किसान भूपिंदर सिंह बीज भी खुद बनाते हैं, आलू आर्गेनिक खाद से पैदा कर रहे हैं, जिससे आलू की गुणवत्ता सुधरी है, भूपिंदर सिंह के अनुसार भले ही इस बार बाहर का व्यापारी नहीं आ रहा है लेकिन आलू की गुणववत्ता अच्छी होने के कारण घरेलू मार्केट में भी उनके आलू के अच्छे दाम मिल रहे हैं।
कोल्ड स्टोर पर नियंत्रण नहीं
राज्य में इस बार 23.70 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन की संभावना है, 579 कोल्ड स्टोरेज में 20.25 लाख मीट्रिक टन आलू भंडारण की क्षमता है, लेकिन राज्य में कोल्ड स्टोरेज के भंडारण पर नियंत्रण नहीं है, ऐसे में बाहरी जिले से आने वाले आलू के भंडारण को रोका नहीं जा सकता है। बाहर का आलू यहां के कोल्ड स्टोर में आया तो जिले के उत्पादकों के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।