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मायावती का फैसला साहसिक : राम लुभायआ

जालंधर : देश भर में दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों के विरोध में जोरदार आवाज उठाते हुए बहुजन समाज पा

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 08:51 PM (IST)
मायावती का फैसला साहसिक : राम लुभायआ
मायावती का फैसला साहसिक : राम लुभायआ

जालंधर : देश भर में दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों के विरोध में जोरदार आवाज उठाते हुए बहुजन समाज पार्टी की कौमी प्रधान कुमारी मायावती ने अपना संसद की कार्यवाही के प्रती रोष प्रकट करते हुए राज्यसभा की मेंबरी से इस्तीफा दे दिया है। यह उनकी ओर से लिया गया दलेराना फैसला है। इन विचारों का प्रगटावा मास्टर राम लुभायआ जनरल सेक्रेटरी पंजाब और बसपा के सीनियर नेताओं ने किया है। इस नेताओं का कहना है कि हमारी बदकिस्मती है कि दलित नेताओं को संसद में नजरअंदाज किया जाता है। उनको अपने उपर हो रहे अत्याचारों के बारे में संसद में बोलने का संविधान में लिखा अधिकार नहीं दिया जा रहा। कुमारी मायावती ने इस ना बर्दाशत करते हुए अपना इस्तीफा देने का फैसला किया। नेताओं में नरिंदर सिंह हलका प्रधान आदमपुर दिलबाग पाइलट किसान विंग, तारथ लाल समीति मेंबर, राकेश राणी सा. सरपंच, प्रगट सिंह पंडोरी निझरां, राकेश बग्गा कौंसलर, फकीर चंद जस्सी, दलवीर कौर वाईस चेयरपर्सन, विजय कुमार समीति मैंबर आदी हाजिर थे।


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