देश 34,884 गांवों में आज भी बिजली नहीं : कपूर
जालंधर : सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीटी इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग (सीटीआइएपी) में
जालंधर : सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीटी इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग (सीटीआइएपी) में पंजाब एनर्जी बिल्डिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसे पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (पैडा) की तरफ से करवाया गया था। इसमें ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई), ग्लोबल इनवायरमेंट फंड (जीईएफ) और यूनाइटिड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) की ओर से सहयोग दिया था।
एनआइटीटीटीआर के इंजीनियर आशीष कपूर ने कहा कि केंद्र सरकार के 2012 के सर्वे के मुताबिक 34,884 गांवों में बिजली नहीं है। वहां पर लोग लकड़ी जलाकर जीवन व्यतीत कर रहे है। पिछले सौ सालों से 25 फीसद कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है। इसे लोगों को समझना चाहिए।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशर््स के चेयरमैन चरणजीत सिंह चन्नी, मैनेजिंग डायरेक्टर मनबीर सिंह, प्रिंसिपल इंजीनियर गौतम कोचर, आर्किटेक्ट अमन मकोल, आर्किटेक्ट सु¨रदर और इंजीनियर किशन खत्री ने किया। इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्ट (आइआइए) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च संयुक्त रूप से 32 प्रोग्राम पंजाब एनर्जी कनजरवेशन बिल्डिंग कोड पर करवा रहा है।
पैडा के रमिंदर सिंह ने ईसीबीसी सेल की कारगुजारी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ईसीबीसी सेल की मदद से बनने वाले सोलर पॉवर प्लांट की मदद से 30 से 40 प्रतिशत बिजली की खपत को बचाया जा सकता है। इन सोलर प्लांट की बनावट की लागत भी आने वाले पांच सालों में पूरी हो जाएगी। इसलिए यह नुकसान का नहीं, बल्कि हर तरफ से फायदे का सौदा है। पैडा की तरफ से प्रोजेक्ट इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्ट के चंडीगढ़-पंजाब चैप्टर को सौंपा गया है।