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192 करोड़ खर्च लेकिन जानलेवा तारें खुली छोड़ीं

कुसुम अग्निहोत्री, जालंधर शहर में विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की नंगी तारें मौत को खुलेआम न्योता

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 01:02 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 01:02 AM (IST)
192 करोड़ खर्च लेकिन जानलेवा तारें खुली छोड़ीं
192 करोड़ खर्च लेकिन जानलेवा तारें खुली छोड़ीं

कुसुम अग्निहोत्री, जालंधर

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शहर में विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की नंगी तारें मौत को खुलेआम न्योता दे रही हैं जिससे आए दिन भीषण हादसे भी हो रहे हैं। यही कारण है कि बुधवार रात बस्ती दानिशमंदा में पावरकॉम की लापरवाही के चलते एक 16 साल के किशोर की करंट लगने से मौत हो गई। पावरकॉम की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। शहर भर में मीटर बाहर करने से लेकर बिजली की तारों की व्यवस्था को दुरुस्त करने सहित अन्य ढांचे को अपग्रेड करने के लिए एक निजी कंपनी को 192 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है। जिसमें बिजली की तारें बदलने के साथ-साथ नए ट्रांसफार्मर भी लगाए गए हैं। बावजूद शहर में जगह-जगह पर बिजली के नंगे जोड़ पड़े हैं जो जानलेवा बने हुए हैं। कुछ दिन पहले ही एक 14 साल का लड़का अपने घर की छत पर पतंग उड़ाते हुए बिजली की तार से करंट लगने पर जान गवां चुका है। वर्ष 2011 में मकसूदां में खंभे के साथ लटकती नंगी तार का शिकार हो एक पत्रकार भी अपनी जान गंवा चुका है। जालंधर कैंट महंगा सिंह कालोनी में एक मजदूर काम करते समय नंगी तार से छू जाने से मौत हो गई थी। हर महीने दर्जन भर लोग पावरकॉम की लापरवाही का शिकार हो रहे हैं लेकिन विभाग इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

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साफ नजर आती है पावरकॉम की लापरवाही

डीएवी कॉलेज के नजदीक फ्लाईओवर के ऊपर खंभे से लगी नंगी तारें कभी भी जानलेवा हादसे का सबब बन सकती हैं। नकोदर चौक के पास लगे खंबे से निकल रहीं नंगी तारें किसी भी राहगीर की की जान ले सकती हैं। इसी तरह न्यू जवाहर नगर, बस स्टैंड, शहर के ढन्न महोल्ला, भगत सिंह चौक, मॉडल टाउन, तहसील काम्पलेक्स, सेंट्रल टाउन, रेलवे रोड, कंपनी बाग चौक के निकट एवं अन्य इलाकों में पावरकॉम की लापरवाही साफ दिखाई देती है। हैरानी की बात तो यह है कि इन लटकती तारों को सही करने के लिए पावरकॉम को कोई भारी-भरकम खर्च भी नहीं करना है, इसके बावजूद लापरवाही बरती जा रही है। जब लोग खुली तारों के बारे में विभाग को शिकायत करते हैं तो भी उस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। स्थिति तब और भी ज्यादा खतरनाक होती है जब तूफान आता है या बारिश होती है।

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ट्रांसफार्मर बने खतरे की घंटी

शहर में लगे बिजली के किसी भी ट्रांसफार्मरों पर न तो लोहे की ग्रिल या जंगला लगाया गया है और न ही कोई अन्य प्रबंध किया गया है। किसी भी वक्त कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ट्रांसफार्मर से लटकी नंगी तारों में अगर गलती से भी किसी का हाथ लग जाता है तो मौत हो सकती है। महानगर में विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने पर पता चला कि नंगी तारों को ठीक करने के लिए न तो पावरकॉम और न ही नगर निमग ने इस तरफ ध्यान दिया है। महानगर में पिछले कुछ वर्षो से नंगी तारों से करंट लगने से कई मौते हो चुकी हैं। इसके बावजूद दोनों विभागों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।

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लोगों के साथ-साथ पशुओं को भी खतरा

बिजली की नंगी तारों की समस्या केवल लोगों तक ही सीमित नहीं है बल्कि पशुओं के लिए भी खतरनाक है। क्योंकि शहर में लावारिश पशुओं की तादाद भी अधिक है। बहुतायत पशु भी अधिकांश सड़कों के डिवाइडर के साथ खड़े रहते हैं।

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ध्यान में मामला लाएं तो जरूर होगी कार्रवाई: डिप्टी चीफ इंजीनियर शर्मा

पावरकॉम के डिप्टी चीफ इंजीनियर गोपाल शर्मा का कहना है कि वह समय-समय पर चेकिंग करवाते रहते हैं। यदि फिर भी इस तरह के मामले कहीं पर भी हैं तो उनके ध्यान में लाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभी बिजली के मीटर से तारे डालने का काम एलएंडटी कंपनी द्वारा शहर में चल रहा है, जिसके चलते तुरंत जल्द ही सारी व्यवस्था पर दुरुस्त कर ली जाएगा। बस्ती दानिशमंदा में बच्चे की करंट लगने से हुई मौत को लेकर उन्होंने कहा कि वह जांच करवा रहे हैं कि आखिर मीटर में कैसे करंट आया।


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