दूसरों क ा कालाधन खपाना बना बड़ी मुसीबत
सत्येन ओझा, जालंधर नोटबंदी के बाद आयकर विभाग की ओर से लगभग दो दर्जन से ज्यादा प्रतिष्ठानों पर हुए
सत्येन ओझा, जालंधर
नोटबंदी के बाद आयकर विभाग की ओर से लगभग दो दर्जन से ज्यादा प्रतिष्ठानों पर हुए आयकर सर्वे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कुछ आयकर दाताओं ने नोटबंदी के दौरान दूसरों का कालाधन भी अपने खातों में खपाने की कोशिश की। अब आयकर विभाग की कोशिश 31 मार्च से पूर्व हर करदाता की स्थिति साफ करने की है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान कुछ लोगों ने बड़ी संख्या में पुराने नोटों को धंधे का जरिया बना लिया था। पुराने नोटों के बदले 60-80 प्रतिशत नए नोट दिए गए थे। इस गोरखधंधे की पोल अब आयकर विभाग के सर्वे में खुलने लगी है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सर्वे में कुछ मामलों में ये बात पकड़ में आईं हैं कुछ करदाताओं ने अपनी फर्मो में दूसरे लोगों के कालेधन को खपाया है। आयकर सर्वे में वे कोई भी ऐसा प्रमाण नहीं दे सके जो नोटबंदी के दौरान अचानक बढ़ी आय को सही साबित कर पाए। आयकर सर्वे में अप्रत्यक्ष रूप से इस बात को स्वीकार भी किया गया है, इसको आधार मानकर ही उनसे राशि सरेंडर कराई गई है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस तरह के मामले सिर्फ जालंधर रीजन में ही नहीं बल्कि पंजाब के अन्य स्थानों पर भी सामने आए हैं। इन हालातों में 31 मार्च से पहले आयकर विभाग ज्यादा से ज्यादा करदाताओं की वास्तविक स्थिति तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। इसी का परिणाम है कि आयकर दाताओं की ओर से मौखिक, लिखित या ऑनलाइन रिकार्ड मिलने के बावजूद हाल ही में फिर से सम्मन जारी कर करदाताओं से नोटबंदी के दौरान बैंक ट्रांजेक्शन का रिकार्ड तलब किया है, ताकि पूर्व की जानकारी व नई जानकारी में फर्क आया तो ऐसे मामलों की नए सिरे से जांच शुरू की जाएगी।