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ठग भनोट के फर्जी खाते में मथुरा से ट्रांसफर हुए थे 21001 रुपये

संवाद सहयोगी, जालंधर इन्कम टैक्स कमिश्नर राकेश सूरी का हुलिया बना कर दिल्ली और पंजाब में खुद को

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 01:02 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 01:02 AM (IST)
ठग भनोट के फर्जी खाते में मथुरा से ट्रांसफर हुए थे 21001 रुपये

संवाद सहयोगी, जालंधर

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इन्कम टैक्स कमिश्नर राकेश सूरी का हुलिया बना कर दिल्ली और पंजाब में खुद को कमिश्नर सूरी बता कर ठगी करने वाले राजिंदर भनोट उर्फ किंट्टू ने बैंक आफ इंडिया में नकली खाता खुलवा कर मथुरा से 21001 रुपये ट्रांसफर करवाए थे। थाना-4 की पुलिस ने बैंक खाते में आए पैसों की ट्रांसफर की जांच की तो पता चला कि मथुरा में ही बैंक आफ इंडिया की ब्रांच के एटीएम से पैसे निकलवाने का भी प्रयास किया था। पैसे न निकले तो अगले दिन हरिद्वार स्थित बैंक की ब्रांच से भनोट ने जालंधर ब्रांच के मैनेजर को फोन करवा खाता आपरेट न होने की शिकायत की थी। जालंधर ब्रांच के मैनेजर ने उनको बताया कि यह मामला फर्जी है। इसके बाद से भनोट उर्फ सतपाल अत्री वहां से भी फरार हो गया।

थाना प्रभारी परमजीत सिंह ने बताया कि 20 अगस्त को बैंक आफ इंडिया के सीनियर मैनेजर कमल कुमार ने शिकायत दी थी कि उनके बैंक में सतपाल अत्री नाम से किसी ने खाता खुलवाया है। खाता खुलवाते वक्त अत्री ने कहा कि उसकी 27 करोड़ रुपये की जमीन बिकी है और वह खाता खुलवा कर पैसे जमा करवाना चाहता है। उसने आधार कार्ड पर खाता खुलवाया था, जिसमें उसने अपना नाम सतपाल अत्री पुत्र जगन्नाथ अत्री लिखाया था। खाता खुलवाने के लिए अत्री के पास 15 सौ रुपये भी न निकले तो बैंक कर्मियों को शक हुआ। उसने बाद करोड़ों रुपये आने की बात करने वाले सपताल के खाते में मात्र 21001 रुपये आए। जांच में पता चला कि आधार कार्ड नकली है। थाना प्रभारी परमजीत सिंह ने बताया कि ठग भनोट के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी गई है। उसकी आखिरी टावर लोकेशन पहले मथुरा फिर हरिद्वार से आ रही थी। उन्होंने बताया कि अलग अलग टीमें बना कर उसकी तलाश के लिए भेजी जाएंगी।

यह है मामला

मास्टर तारा सिंह नगर में रहने वाले राजिंदर भनोट ने अपने पड़ोसी इन्कम टैक्स कमिश्नर राकेश सूरी का नाम इस्तेमाल कर दिल्ली व पंजाब के दर्जनों लोगों से ठगी की थी। नवंबर 2015 में उसे थाना बारादरी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद और थानों की पुलिस ने भी उसे रिमांड पर लिया था, क्योंकि उनके इलाकों में रहने वाले लोगों से भी भनोट ने ठगी की थी। कुछ माह पहले उसने जमानत ले ली थी। 20 अगस्त, 2016 को उसने सतपाल अत्री के नाम से बैंक आफ इंडिया में खाता खुलवाया था। शक के आधार बैंक मैनेजर से थाना 4 की पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि अत्री ठग भनोट ही है। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।


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