घर-घर जाएंगी महिला वर्कर, तभी जीतेगी कांग्रेस : शोभा ओझा
जागरण संवाददाता, जालंधर ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की प्रधान शोभा ओझा ने कहा है कि पंजाब की महिला क
जागरण संवाददाता, जालंधर
ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की प्रधान शोभा ओझा ने कहा है कि पंजाब की महिला कांग्रेस वर्कर अगर घर-घर जाकर अकाली-भाजपा सरकार की धक्केशाही के खिलाफ लोगों को जागरूक करेगी, तभी पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत मिलेगी। इसके लिए सभी 117 हलके में विशेष टीम बनाई जाएगी, जो कांग्रेस सरकार के बेहतर कार्यकाल और गठबंधन सरकार के काले दिन को उजागर करेगी। इस लिहाज से आने वाले चुनाव में महिला कांग्रेस की भूमिका अहम होगी। ओझा ने मंगलवार को रेडक्रास भवन में मिशन 2017 के तहत हुई जालंधर शहरी महिला कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही।
शोभा ओझा ने कहा कि आज पंचायत से लेकर विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थानों में चुनकर आ रही 50 फीसद महिलाएं देश को आगे ले जाने में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं। ओझा ने पंजाब सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि बीते नौ साल से पंजाब की पुलिस सरकार की कठपुतली बनकर काम कर रही है और लोगों के लिए वर्दी वाला गुंडा बनी हुई है। तभी तो सत्ताधारी के इशारे पर लोगों पर नाजायज पर्चे कर रही है। दोपहर बाद शोभा ओझा ने देश भगत यादगार हॉल में हुई देहाती महिला कांग्रेस की बैठक को भी संबोधित किया। साथ ही पंजाब महिला कांग्रेस की प्रभारी नीटा डिसूजा, प्रदेश प्रधान ममता दत्ता, सांसद चौधरी संतोख सिंह, जिला प्रधान राजिंदर बेरी व जगबीर बराड़, पूर्व मंत्री अमरजीत सिंह समरा, पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता डा. नवजोत दहिया, पंजाब कांग्रेस के महासचिव विक्रमजीत सिंह चौधरी, जालंधर शहरी महिला कांग्रेस की प्रधान डा. जसलीन सेठी, देहाती महिला कांग्रेस की प्रधान कंवलजीत कौर मुल्तानी, कांग्रेस लेबर सेल के को-चेयरमैन मलविंदर सिंह लम्की, अमृत खोसला आदि ने संबोधित किया।
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टिकट की दावेदारी पर भी रहा जोर
बैठक को संबोधन के दौरान टिकट की दावेदारी पर भी जोर रहा। मलविंदर लक्की ने डा. जसलीन सेठी को बेदाग व सशक्त बताते हुए सेंट्रल हलके से टिकट देने की मांग की। तो पार्षद अरूणा अरोड़ा ने डा. नवजोत दहिया के माडल टाउन स्थित निवास पर शोभा ओझा से मुलाकात कर सेंट्रल हलके से अपनी दावेदारी जताई।
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वर्करों को रोकने में हुई मशक्कत
बैठक के दौरान महिला वर्करों को रोकने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। रेडक्रास भवन में तो कई बार मेन गेट बंद भी करवाया गया, क्योंकि शोभा ओझा के संबोधन से पहले वर्कर बाहर निकलने लगे थे।