ध्यान व योग हैं नशा छोड़ने में कारगर
जागरण संवाददाता, जालंधर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से बाईपास आश्रम में अंतरराष्ट्रीय नशा वि
जागरण संवाददाता, जालंधर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से बाईपास आश्रम में अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर जागरूकता सेनिार करवाया गया। सेमिनार में लोगों को योग करवाने के साथ-साथ उसके महत्व के बारे में बताया गया।
आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी राधिका भारती ने कहा कि नशा ऐसी बीमारी है जो हमे, हमारे समाज और देश को निगलती जा रही है। बच्चे ही नहीं बड़ों को भी नशे से दूर रहना चाहिए। शहर और गांवों में पढ़ने खेलने वाले विद्यार्थी आज नशे के जाल में फंसे हुए हैं। इसके के लिए काफी हद तक बड़े ही जिम्मेवार हैं क्योंकि अभिभावक अपने काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें पता ही नही चलता कि उनका बच्चा कहां है और क्या कर रहा है। समाज के लिए नशा अकेली एक समस्या नहीं है बल्कि यह अपने साथ और भी कई तरह की समस्याओं का दरवाजा खोलती है। नशा छोड़ने के लिए कई प्रकार की दवाइयां भी बन चुकी हैं पर यह किसी भी तरह से लाभदायक नहीं हैं। इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलनी होगी।
संस्था की ओर से ध्यान पद्धति के माध्यम से नशे के आदी मस्तिष्क को नशा मुक्त होने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें विभिन्न तरह की आयुर्वेद की दवाइयों की मदद ली जाती है। इसके साथ ही वालंटियर्स को योग भी सिखाया जाता है जिससे तन और मन दोनो ही स्वस्थ रहते हैं।