पैचवर्क घोटाले की जांच में भी घोटाला!
पंकज राय, जालंधर निगम में हुए 13 करोड़ के पैचवर्क घोटाले की जांच में भी घोटाला किए जाने का मामला सा
पंकज राय, जालंधर
निगम में हुए 13 करोड़ के पैचवर्क घोटाले की जांच में भी घोटाला किए जाने का मामला सामने आया है। घोटाले की जांच को दबाने के लिए वित्त एवं ठेका कमेटी द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी को 16 महीने तक जांच के अधिकार नहीं दिए गए। बाद में जब कमिश्नर ने पत्र जारी कर कमेटी को अधिकार दिए, तो एफ एंड सीसी में हुए सारे फैसले ही पलट दिए गए। वर्ष 2012-13 में पैचवर्क पर खर्च हुए 13 करोड़ के जांच की बजाय कमेटी को आगे होने वाले पैचवर्क की निगरानी करने को कहा गया है।
घोटाले की जांच दबाने के लिए चल रही इस नई सियासत पर कमेटी के चेयरमैन भाजपा पार्षद रवि महेंद्रू का पारा सातवें आसमान पर है। रवि ने कहा कि फरवरी, 2014 में एफ एंड सीसी की बैठक में पैचवर्क में हुई धांधली पर लगे आरोपों की जांच के लिए मेयर व तत्कालीन निगम कमिश्नर एमएस छतवाल की अगुवाई में सर्वसम्मति से कमेटी का गठन किया गया था। उनके अलावा डिप्टी मेयर अरविंदर कौर ओबराय व एफ एंड सीसी सदस्य भगवंत प्रभाकर को कमेटी का सदस्य बनाया गया था, लेकिन 16 महीने तक कमेटी को अधिकार ही नहीं दिए गए। दर्जनों बार कमिश्नर से मांग करने पर जून माह में कमिश्नर ने कमेटी के नाम चिट्ठी जारी की, लेकिन उसमें एफ एंड सीसी में हुए सारे फैसले बदल दिए गए। पैचवर्क की जांच की बजाय आगे होने वाले पैचवर्क की निगरानी व जांच करने की बात कही गई है, जबकि कमेटी बनाने के दौरान हुए सारे फैसले एफ एंड सीसी की बैठक की कार्रवाई में दर्ज है।
जांच का अधिकार न मिला तो दूंगा इस्तीफा : रवि
रवि महेंद्रू का कहना है कि फैसले को पलटने के बाबत वो दो-तीन दिनों में अपने सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। सभी से चर्चा कर उनकी राय ली जाएगी। अगर कमेटी गठन के मकसद के अनुरूप पैचवर्क की जांच के अधिकार नहीं दिए जाएंगे तो वो कमेटी चेयरमैन पद से तत्काल इस्तीफा दे देंगे।
चिट्ठी देखकर ही कुछ कहूंगा : मेयर
मेयर सुनील ज्योति का कहना है कि कमेटी तो शहर में हो रहे पैचवर्क की निगरानी के लिए ही बनाई गई थी। अब कमिश्नर ने चिट्ठी में क्या लिखा है और कहां पर क्या शंका है, इसके बारे में तो चिट्ठी देखकर ही कुछ बता पाएंगे। फिलहाल वो शहर से बाहर हैं, मंगलवार को निगम पहुंचने पर पूरी जानकारी लेकर बता देंगे।