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भाजपाइयों की राजनीति में पिसी दलित कांफ्रेंस

जागरण संवाददाता, जालंधर : भारतीय जनता पार्टी की दलित कांफ्रेंस वीरवार को भाजपाइयों की सियासत में पिस

By Edited By: Published: Thu, 21 May 2015 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2015 11:03 PM (IST)
भाजपाइयों की राजनीति में पिसी दलित कांफ्रेंस

जागरण संवाददाता, जालंधर : भारतीय जनता पार्टी की दलित कांफ्रेंस वीरवार को भाजपाइयों की सियासत में पिसती हुई नजर आई। करीब दो दिन पहले केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने कांफ्रेंस की कमान संभाली। उन्होंने पूरे आयोजन के कामकाज को अपने हाथ में ले लिया। इससे पहले सारी कमान संगठन के हाथ में थी। कमल शर्मा चार दिन पहले जालंधर आकर सभी नेताओं की ड्यूटियां लगाकर गए थे, लेकिन अचानक सांपला ने सारा मामला अपने हाथ में ले लिया। सोफी पिंड में शामियाना लग गया। इससे सांपला विरोधी भाजपाई आयोजन से धीरे-धीरे अलग होने लगे। ज्यादातर ने खानापूर्ति शुरू कर दी। कई ने तो शक्ल तक नहीं दिखाई। नाराज नेताओं की नाराजगी वीरवार को कांफ्रेंस के अंदर से लेकर बाहर तक देखने को मिली। कैबिनेट मंत्री चूनी लाल भगत के खिलाफ धरना देने वाले सीधे कांफ्रेंस में पहुंच गए। निगम के सफाई मुलाजिम भी कांफ्रेंस स्थल पर पहुंच गए। इससे पहले यूथ कांग्रेस व बाद में एक शिक्षक संगठन भी पुतला फूंकने पहुंच गया। दिनभर ऐसे प्रदर्शनों ने पूरी कांफ्रेंस को परेशान करके रखा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक विभिन्न संगठनों को कांफ्रेंस तक पहुंचाने में भाजपा के ही कई नेताओं ने अहम भूमिका निभाई है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू को प्रदर्शनों की वजह से सर्किट हाउस में रोकना पड़ गया। उनका प्रोग्राम सीधे कार्यक्रम में शामिल होने का था, लेकिन पुतला फूंक प्रदर्शन की वजह से उन्हें स्काईलार्क की बजाय सर्किट हाउस ले जाना पड़ा। सांपला विरोधियों के चौतरफा हमले से कांफ्रेंस में काफी परेशानी हुई। एक-एक करके स्थानीय नेता कांफ्रेंस से पहले दूर हुए व बाद में सिर्फ रस्म अदायगी करके काम चलाया। सोफी पिंड के डिनर प्रोग्राम में भी स्थानीय नेता कम ही दिखे। एक और समस्या पैसों को लेकर खड़ी हुई, क्योंकि कार्यक्रम में होने वाले खर्च से स्थानीय नेताओं ने अपने हाथ पीछे ही रखे। कुल मिलाकर सांपला के आगे आकर कमान संभालते ही पूरी कांफ्रेंस समस्याओं में घिर गई।


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