बेटे की मौत के बाद पोतों को ढांढस बंधाने जा रहे दादा की मौत
संवाद सहयोगी, जालंधर : अपने जवान बेटे की मौत के बाद अपने पोतों को ढांढस बंधाने के लिए एक्टिवा पर अपन
संवाद सहयोगी, जालंधर : अपने जवान बेटे की मौत के बाद अपने पोतों को ढांढस बंधाने के लिए एक्टिवा पर अपने दूसरे बेटे के साथ टांडा जा रहे लुधियाना निवासी बुजुर्ग की पठानकोट चौक पर सड़क हादसे में मौत हो गई जबकि बेटा घायल हो गया। दुर्घटना के बाद लंबा जाम लगा गया।
लुधियाना के कैलाश नगर में रहने वाले सुखदेव सिंह ने बताया कि 7 मार्च को उसके छोटे भाई जसबीर सिंह, जो टांडा में रहता था, की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। 20 मार्च को उसकी रस्म किरया थी, जिसमें पूरा परिवार मौजूद था। सुखदेव ने बताया कि किरया के बाद सभी वापस चले गए और वीरवार को वह अपने पिता अशोक सिंह के साथ जालंधर के जमशेर में रहने वाली अपनी मौसी के घर आए। शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे वे अपने पिता के साथ टांडा में जसबीर के बच्चों को दिलासा देने के लिए निकले। वह खुद एक्टिवा चला रहे थे। पठानकोट चौक पर राधा स्वामी सत्संग घर के पास एक तेज रफ्तार टिप्पर ने उनको टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी उनके पिता एक्टिवा सहित टिप्पर के अगले टायरों में फंस गए। दुर्घटना होते ही टिप्पर छोड़ चालक फरार हो गया। उन्होंने लोगों की सहायता से पिता को बाहर निकाला तो उसकी मौत हो चुकी थी। वह भी घायल हो गए। थाना 8 के प्रभारी नरेश जोशी ने बताया कि चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दुर्घटना के बाद कई किलोमीटर दूर तक जाम लग गया। जाम की सूचना मिलने के बाद हाइवे पेट्रोलिंग के जगतार सिंह, राजकुमार व अमरजीत सिंह मौके पर पहुंचे। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद जाम खुलवाया जा सका।
बाल-बाल बचा थ्री-व्हीलर चालक व मैकेनिक
बीच सड़क पर खराब खड़े थ्री-व्हीलर के चालक सूरज ने बताया कि उसके आटो का इंजन सील हो गया था। वह मैकेनिक को बुलाकर आटो ठीक करवा रहा था। इस बीच उसने एक टिप्पर को पूरी रफ्तार से आते देखा। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता टिप्पर चालक ने उसके थ्री-व्हीलर में आकर जबरदस्त टक्कर मार दी। उसने व मैकेनिक ने छलांग लगा कर अपनी जान बचाई। इसके बाद टिप्पर चालक ने एक्टिवा सवार दो लोगों को अपने चपेट में ले लिया। टिप्पर एक्टिवा को कई मीटर तक घसीट कर ले गया, जिसमें बुजुर्ग फंस गया था।
शव उठाने के लिए नहीं हुआ कोई तैयार
मृतक अशोक सिंह के शव को सिविल अस्पताल में पहुंचाने के लिए पुलिस कर्मियों ने कई वाहनों को रोका, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। एक के बाद एक आटो व थ्री-व्हीलर रोके गए, लेकिन शव रखने को कोई नहीं माना। ऐसे में पुलिस को जोर जबरदस्ती करनी पड़ी। इस दौरान एक छोटा हाथी के चालक को डराकर रोका गया। शव रखने की बात पर चालक पहले तो माना नहीं, लेकिन फिर पुलिस ने जबरदस्ती छोटा हाथी में शव को रखा और फिर सिविल अस्पताल में ले गए।