मंत्री का इस्तीफा मांगा
जागरण संवाददाता, जालंधर : सरकारी प्राइमरी स्कूल तेज मोहन नगर में तैनात शिक्षा प्रोवाइडर रजनी को जबरन
जागरण संवाददाता, जालंधर : सरकारी प्राइमरी स्कूल तेज मोहन नगर में तैनात शिक्षा प्रोवाइडर रजनी को जबरन पुलिस द्वारा उठाए जाने के बाद उसके हुए गर्भपात के मामले में शिक्षा प्रोवाइडर यूनियन ने शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत चीमा का इस्तीफा मांगा है। शिक्षा प्रोवाइडर यूनियन के प्रतिनिधि अजमेर सिंह व मनजीत सिंह ने कहा कि डॉ. दलजीत सिंह चीमा के कार्यकाल के दौरान ही शिक्षकों को अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने से पहले ही गिफ्तार किया जा रहा है। यदि शिक्षा प्रोवाइडर रजनी व प्रदेश भर के शिक्षा प्रोवाइडरों को इंसाफ नहीं मिला तो पंजाब भर के शिक्षा प्रोवाइडर 28 मार्च को जालंधर के पुलिस कमिश्नर के दफ्तर के सामने धरना देंगे।
वे वीरवार को शिक्षा प्रोवाइडर रजनी के घर अवतार नगर में प्रेस वार्ता कर रहे थे। शिक्षा प्रोवाइडर यूनियन के प्रतिनिधियों ने शिक्षिका रजनी के निवास स्थान पर पहुंच उसके साथ हमदर्दी जता पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। यूनियन के सदस्य मनजीत सिंह, त्रिलोक सिद्धू, गुरदीप सिंह ने बताया कि एएसआइ के साथ-साथ निर्देश देने वाले पुलिस उच्च अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जालंधर से 13 अध्यापक हिरासत में लिए गए हैं। अध्यापकों पर 751 की धारा लगाकर हिरासत में रख लुधियाना की सेंट्रल जेल में भेजा और वीरवार को छोड़ा। उन्होंने बताया कि पुलिस की ज्यादती को लेकर 22 जिलों में राज्य सरकार के खिलाफ पुतले फूंके गए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के साथ हो रही इस धक्केशाही के लिए पूरी तरह से प्रदेश के शिक्षा मंत्री जिम्मेदार हैं। इसलिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही सरकार : पति हरजिंदर
शिक्षा प्रोवाइडर रजनी के पति हरजिंदर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। एक ही स्कूल में दो शिक्षिकाएं लगी हुई हैं। एक शिक्षिका 50 हजार रुपये महीने का वेतन ले रही है और दूसरी को पांच से 6 हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है। इसलिए यूनियन की मांगें पूरी की जाएं व दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।