अब डीसी ढूंढेंगे गरीबों के गरीब
विकास वोहरा, जालंधर केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश सरकार को प्रायोरिटी पुअर आ
विकास वोहरा, जालंधर
केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश सरकार को प्रायोरिटी पुअर आईडेंटिफाइ करने के लिए कहा है। अब प्रदेश सरकार ने आटा-दाल स्कीम का लाभ भी प्रायोरिटी पुअर के तौर पर पहचाने जाने वाले गरीबों को ही देने का फैसला किया है। इसके तहत सभी जिलों के डीसी को प्रायोरिटी पुअर ढूंढने के लिए कहा गया है। यह रिपोर्ट 31 दिसंबर 2014 तक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पास भेजनी होगी।
सबसे अहम बात यह है कि सभी लाभपात्रों के आधार कार्ड भी इस स्कीम के तहत लिंक किए जाएंगे। आधार कार्ड लिंक करने से लाभपात्रों का सारा डाटा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पास आ जाएगा। इससे कोई भी लाभपात्र स्कीम का गलत फायदा नहीं उठा पाएगा। डीसी ने सब डिवीजन स्तर पर एसडीएम की ड्यूटियां लगा दी हैं, जिन्हें सर्वे करने के लिए कहा गया है। फिलहाल जिले में 1.70 लाख नीले कार्डधारक हैं, जिन्हें आटा-दाल स्कीम का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश में 91 लाख लाभपात्र इस स्कीम के तहत सस्ता आटा-दाल ले रहे हैं। नई प्रायोरिटी पुअर आइडेंटिफिकेशन स्कीम के तहत इन्हीं में से ही लाभपात्रों की पहचान की जाएगी। सरकार के पास हजारों की तादाद में ऐसी शिकायतें पहुंची थी, जिसमें गलत लोगों को आटा-दाल स्कीम का लाभ देने का आरोप है। इसलिए सरकार पहले ही छंटनी की तैयारी में थी। अब खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रायोरिटी पुअर आइडेंटिफाइ करने की योजना को भी इसमें जोड़ा गया है।
डीसी कमल किशोर यादव का कहना है कि स्कीम के तहत सर्वे करने के लिए सभी एसडीएम की ड्यूटियां लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय से पहले-पहले सरकार के पास सारी सर्वे रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
यह है मौजूदा व्यवस्था
आटा-दाल स्कीम के तहत बीपीएल परिवारों को एक रुपये किलो की दर से आटा व 20 रुपये किलो की दर पर दाल मुहैया करवाई जाती है। बीपीएल परिवार में शामिल होने के लिए आवेदक के परिवार की सालाना कमाई 60 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। ग्रामीण इलाकों में ढ़ाई एकड़ व शहर में 100 वर्ग गज से ज्यादा की जमीन नहीं होनी चाहिए।