नौकरी गई तो पेशेवर गिरोह संग मिल किया अपहरण
जागरण संवाददाता, जालंधर नौकरी चली गई तो खाने के लाले पड़ गए। पिता हृदय रोगी थे। पत्नी और सात साल के
जागरण संवाददाता, जालंधर
नौकरी चली गई तो खाने के लाले पड़ गए। पिता हृदय रोगी थे। पत्नी और सात साल के बच्चे की जिम्मेवारी भी थी। पिता एलआइसी से सेवानिवृत्त हो चुके थे तो घर चलाने का जिम्मा ईश्वरपुरी कालोनी के रहने वाले मोहिंदर गुप्ता पर था। पैसा कमाने के लालच में बीकॉम पास मोहिंदर ने अलीगढ़ के पेशेवर अपहरणकर्ता गिरोह से हाथ मिला लिया। घटना के दिन मोहिंदर पार्क में गया तो गोपी खुद मोबाइल देख कर गेम खेलने के लिए उसके पास आ गया। इसके बाद उसने बच्चे का अपहरण कर अलीगढ़ से जालंधर आ बसे अपहरणकर्ता गिरोह के सदस्यों को सौंप दिया। पुलिस कमिश्नर युरिंदर सिंह हेयर ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर पुलिस की सफलता का खुलासा किया। अपहरणकर्ताओं ने गोपी के केश भी काट दिए थे, ताकि वह पहचाना न जाए। अपहरणकर्ताओं की 15 लोगों की टीम थी, जिनमें तीन की गिरफ्तारी दिखा दी गई है।
पुलिस कमिश्नर युरिंदर सिंह हेयर ने बताया कि मॉडल टाउन पार्क में ईश्वरपुरी का रहने वाला मोहिंदर गुप्ता रुटीन में आता था। वहां कबाड़ी संजीव भी खाली बैठा होता था। दोनों ने बातें शुरू की तो मोहिंदर ने ज्यादा पैसा कमाने का धंधा करने की बात की। संजीव अलीगढ़ में अपहरण करने वाले गिरोह का सदस्य था और उसके खिलाफ पहले भी फिरौती के लिए अपहरण के केस दर्ज थे। तीन माह पहले ही वह जालंधर आ बसा था। उसने मोहिंदर को अपहरण की योजना बता दी तो संजीव ने अपने पुराने साथियों को साथ मिला लिया। यही नहीं, मोहिंदर पार्क में जिस दिन आया गोपी उसके निशाने पर था। वह कोई भी बच्चा उठाने की नीयत से आए थे। गोपी मोबाइल गेम खेलने का शौकीन था तो वह खुद ही मोहिंदर के पास आ गया। मोहिंदर उसे आल्टो कार में बिठा कर ले गया। उसने बस्ती दानिशमंदा के रहने वाले सुरेश और संजीव को बच्चा सौंप दिया। दोनों अलीगढ़ के हैं और वहां अपहरण के कई मामलों में नामजद रहे हैं। बच्चे को पहले चिंतपूर्णी ले जाया गया और रास्ते में उसके बाल भी काट दिए गए। इसके बाद सड़क मार्ग से उसे अलीगढ़ पहुंचा दिया गया। घटना के चार दिन बाद एक कोरियर प्रॉपर्टी डीलर सतनाम सिंह के घर आया। कोरियर में लिखा था कि बच्चे की सलामती चाहते हो तो मेल आइडी पर संपर्क करो। एडीसीपी हरप्रीत सिंह मंढेर ने ईमेल से संपर्क साधा तो अपहरणकर्ता फोन पर बात करने लगे। फोन नंबर आने के बाद लोकेशन अलीगढ़ की आई तो पुलिस ने वहां आइजी पांडे से संपर्क किया। वहां स्पेशल टास्क फोर्स को साथ लेकर जालंधर पुलिस ने धनौली गांव की लोकेशन ट्रेस कर ली। पुलिस ने वहां जाल बिछाया तो एक अपहरणकर्ता बच्चे को रेलवे स्टेशन की तरफ ले जाने लगा। बच्चे के बाल कटे थे तो पुलिस उसे पहचान नहीं सकी, मगर बच्चे को रोता देख पुलिस को शक हुआ तो वह बच्चा वहीं छोड़ कर भाग गया। पुलिस जांच में सामने आया कि मोहिंदर एक बैंक में वित्तीय सलाहकार का काम करता था। नौकरी छूटने के बाद वह आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था। पुलिस मोहिंदर गुप्ता, उसके साथी सुरेश व संजीव को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है। कमिश्नर ने बताया कि डीसीपी नवीन सिंगला और एडीसीपी हरप्रीत सिंह मंढेर ने बेहतर ढंग से आपरेशन चलाया। डीसीपी खुद अलीगढ़ गए और बच्चा बरामद कर वापस लौटे। प्रेस कांफ्रेंस में ही पुलिस कमिश्नर ने गोपी को उसके परिजनों के हवाले किया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।