विवाद बादल के पास पहुंचा
संवाद सहयोगी, जालंधर
मकसूदां सब्जी मंडी में लगने वाली अवैध फड़ियों का विवाद अब मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के दरबार जाएगा। यह निर्णय शनिवार को विधायक मनोरंजन कालिया के निवास स्थान पर हुई बैठक में लिया गया। इस दौरान जिला मंडी अधिकारी हरिंदर सिंह रंधावा, उप-जिला मंडी अधिकारी वरिंदर सिंह खेड़ा, मार्केट कमेटी के सचिव रूपिंदर सिंह मिन्हास ने विधायक मनोरंजन कालिया को पूरे मामले की जानकारी दी।
उधर, आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान डिंपी सचदेवा ने अवैध फड़ी वालों का पक्ष रखा। इस दौरान वैद्य फड़ी एसोसिएशन के प्रधान मुनीश बाहरी ने कहा कि एक तरफ मंडी बोर्ड ने मंडी में ही वैध फड़ियां अलाट की हैं। इन्हें बसाने में अवैध फड़ियां बाधा बन रही हैं। उन्होंने कहा कि अवैध फड़ियां मंडी के ऑक्शन फड़ पर लगाना नियमों के विपरीत है। इस पर विधायक मनोरंजन कालिया ने कहा कि मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के समक्ष अवैध फड़ियों का मामला रखा जाएगा व बनता हल निकाला जाएगा। इस दौरान उनके साथ सीपीएस केडी भंडारी, मेयर सुनी ज्योति, आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान गुरदीप सिंह नागरा, सुभाष ढल्ल व अन्य मौजूद थे।
रेवेन्यू का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा
विधायक मनोरंजन कालिया ने कहा कि सरकार को रेवेन्यू का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडी में लगने वाली फड़ियों को भी बसाने को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके बीच का रास्ता निकाला जाएगा। सीपीएस केडी भंडारी ने कहा कि गरीबों को बेरोजगार नहीं होने दिया जाएगा। लिहाजा मुख्यमंत्री जरूर उचित हल निकालेंगे।
इंसाफ न मिला तो जाएंगे कोर्ट
मंडी में वैध फड़ियों के अध्यक्ष मुनीष बाहरी ने कहा कि वैध फड़ियां तभी बसाई जा सकती है, अगर अवैध फड़ियां भी पीछे शिफ्ट कर दी जाएं। मंडी में एक ही जगह पर फड़ियां लगनी चाहिए। धक्केशाही करने की कोशिश की तो वह कोर्ट का सहारा लेने को विवश होंगे।
चंद फुट की दूरी के लिए बवाल
जनवरी माह में भी मंडी में अवैध फड़ियों को शिफ्ट करने को लेकर कार्य शुरू हुआ था। इसके लिए पंजाब मंडी बोर्ड ने बाकायदा लुधियाना की फर्म को ठेका भी दिया था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया। एक बार फिर से वैसी ही स्थिति बन गई है। इस बार जुदा है वैध फड़ी वालों का हक लेकर बुलंद की गई आवाज।
मनमाने दाम वसूलते हैं रिटेलर
मंडी में थोक व रिटेल का कारोबार आमने-सामने चल रहा है। इस बीच थोक में 10 रुपये किलो वाला आलू चंद फुट की दूरी पर ही 20 रुपये प्रति किलो में बेचा जाता है। पूरे मामले को लेकर आढ़तियों की सांठ-गांठ भी नजर आ रही है। शायद यहीं कारण है कि अवैध फड़ी वालों के मामले में उनसे अधिक आढ़ती रुचि ले रहे हैं।