एचआइवी से भी खतरनाक है काला पीलिया
जगदीश कुमार, जालंधर
पंजाब में नशे के बह रहा दरिया युवाओं को काले पीलिये की आग में झोंक रहा है। एचआइवी से भी चार गुणा खतरनाक काले पीलिये के मंहगे इलाज से मरीज लाचार हैं और सरकार बेबस हो चुकी है। नतीजतन अस्पतालों में इलाज के आने वाले मरीजों में से 30 फीसद मरीज जिगर के मिलते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हैपेटाइटिस ए, बी, सी और ई की वजह से विश्वभर में 1.4 मिलीयन लोग मौत का निवाला बन रहे हैं। हैपेटाइटिस-बी के 240 व सी के 150 मिलियन लोग शिकार हैं। हैपेटाइटिस-ई की वजह से 20 फीसद गर्भवती महिलाएं गर्भ की तीसरी तिमाही में दम तोड़ रही हैं। लोगों को काले पीलिये से बचाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 'दोबारा सोचने' का थीम जारी किया है।
लीवर कादुश्मन पीलिया
प्राइम लीवर इंस्टीट्यूट के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आरएस चहल मानते हैं देशभर में लीवर प्रत्यारोपण की मांग को लेकर आने वाले हर साल एक लाख नए मरीजों में 30 फीसद हैपेटाइटिस-सी व 20 फीसद हैपेटाइटिस-बी के शामिल है।
दूषित खान-पान है जिम्मेदार
पिम्स मेडिकल कॉलेज में ब्लडबैंक प्रभारी डॉ. एचएस लांबा कहते हैं कि दूषित खाद्य पदार्थ व पानी हैपेटाइटिस-ए व ई का जन्मदाता है। हैपेटाइटिस 'बी' और 'सी' के वायरस एचआइवी के वायरस से तीन से चार सौ गुणा अधिक संक्रमित होते हैं। यह संक्रमण खून के आदान-प्रदान से होता है। हैपेटाइटिस-बी के लिए वैक्सीन बनाई जा चुकी है, लेकिन 'सी' के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। हालांकि इनका इलाज संभव है, कीमत करीब 3.50 लाख रुपये तक पहुंच जाती है।
आफत से राहत की योजना
सेहत विभाग के डायरेक्टर डॉ. कर्णजीत सिंह का कहना है कि मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी है और गंभीर मरीजों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में रेफर किया जा रहा है। मरीजों को सस्ती दवाइयां मुहैया करवाने के लिए विभाग कंपनियों से तालमेल कर रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग जागरूकता पखवाड़ा मना रहा है। दूषित पानी व खाद्य पदार्थो पर शिकंजा कसने के लिए दूसरे विभागों का सहारा लिया जा रहा है।
सावधानियां
-दाढ़ी बनवाने पर नए ब्लेड का इस्तेमाल करें।
-टैटू न बनवाएं।
-इंजेक्शन हमेशा नई डिस्पोजेबल सीरिंज व सूई से लगवाएं।
-खून चढ़वाने से पहले उसकी जांच सुनिश्चित कर लें।