टिकट के लिए हाथ में राजनीतिक हाथापाई तेज
-हजारी लाल, होशियारपुर विधानसभा चुनाव की आहट से कड़कती सर्दी में हाथ यानी की कि क
-हजारी लाल, होशियारपुर
विधानसभा चुनाव की आहट से कड़कती सर्दी में हाथ यानी की कि कांग्रेस में टिकट की लड़ाई तेज हो चुकी है। टिकट के चाहवान अपने-अपने राजनेताओं की चौखट पर हाजिरी लगवाकर टिकट की बाजी मारने की बिसात बिछा रहे हैं। टिकट की घोषणा की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनावी समर में लंगोट चढ़ाने को बेताब नेताओं की धड़कने तेज होती जा रही हैं। जिला होशियारपुर के अधीन सात विधानसभा हलके आते हैं। राजनीतिक पंडित बताते हैं कि चार विधानसभा में टिकट की लड़ाई समाप्त हो चुकी है। यहां से नेताओं के नाम पर मोहर लग चुकी है की कि किसे चुनाव लड़ाना है, मगर तीन विधानसभा सीटों पर टिकट की लड़ाई के लिए दांवपेंच जोरशोर से लगाए जा रहे हैं।
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो विधानसभा होशियारपुर से विधायक सुंदर शाम अरोड़ा की टिकट पक्की हो चुकी है, लेकिन यहां पर कांग्रेस के लिए सिरदर्दी वाली बात है कि इंटक के जिला प्रधान कर्मबीर बाली ने भी टिकट के लिए आवेदन कर रखा है। अगर उनकी टिकट कटती है तो वह निश्चित तौर पर बागी होकर आजाद तौर पर चुनावी मैदान में कूदेंगे। ऐसे में बाली के कंधे पर बंदूक रखकर अरोड़ा के विरोधी उन पर निशाना साध सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए यहां पर नया राजनीतिक समीकरण तैयार करना होगा।
विधानसभा टांडा उड़मुड़ व मुकेरियां से तस्वीर साफ हो चुकी है। टांडा उड़मुड़ से संगत ¨सह गिलजियां व मुकेरियां से रजनीश बब्बी की टिकट पक्की हो चुकी है। कांग्रेस के लिए राहत की बात है कि यहां से बागी होकर चुनाव लड़ने की गुंजाइश बहुत कम है। इसी तरह से सुरक्षित हलका चब्बेवाल से डा. राज कुमार के टिकट भी मोहर लग चुकी है। यहां पर भी कांग्रेस को बागी उम्मीदवार का दंश इस बार नहीं झेलना पड़ेगा। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट कटने से डा. दिलबाग राय बागी होकर आजाद चुनाव लड़े थे। डा. राज कुमार की हार में डा. दिलबाग राय का खड़ा होना अहम कारण बना था, लेकिन डा. दिलबाग बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।
टिकट का पेंचा सुरक्षित सीट हलका शामचौरासी में फंसा हुआ है। वैसे तो यहां से प्रमुख तौर पर दावेदारों के चार नाम चल रहे हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष पवन आदिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष चौधरी, सुमित्तर सीकरी और जसवीर पाल टिकट की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन विश्वसनीय सूत्रों से मालूम पड़ा है कि टिकट की लड़ाई पवन आदिया और संतोष चौधरी के बीच रह गई है और पवन आदिया टिकट की बाजी मार सकते हैं। इसी तरह से गढ़शंकर विधानसभा सीट से टिकट की जंग पूर्व विधायक लव कुमार गोल्डी और यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरप्रीत मोंटू लाली के बीच फंसी हुई है।
हलका दसूहा की सीट पर तो कई दावेदार हैं। यहां से राजनीति के स्तंभ के रूप में जाने, जाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय रमेश चंद्र डोगरा के बेटे अरुण डोगरा मिक्की, एडवोकेट इंद्रपाल धन्ना व भू¨पदर ¨सह घुम्मन के बीच टिकट का युद्ध जारी है। यहां पर कैप्टन अम¨रदर ¨सह खेमा अरुण डोगरा मिक्की, एडवोकेट इंद्रपाल ¨सह धन्ना के लिए प्रताप ¨सह बाजवा और भू¨पदर ¨सह घुम्मन के लिए मनप्रीत बादल दांव फिट कर रहे हैं। सूत्र यह भी बतातें हैं कि टिकटों की जद्दोजहद में हो सकता है कि दसूहा से अमरप्रीत ¨सह मोंटू लाली पर हाईकमान दांव लगा दे।
अब देखना है कि किसका दांव सटीक बैठता है और उसके समर्थक को मिलती है टिकट। कुल मिलाकर सात में से चार सीटों पर कांग्रेस हाईकमान ने टिकट देने की गोटी फिट कर ली है, मगर तीन सीट पर मामला पेचीदा बना हुआ है। देखना है कि पिटारी में टिकट लेने के बाद पंजा बिखरता कितना है।
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