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रोज हो रही खैर की चोरी, डीएफओ बोले-रुक नहीं सकती

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : कस्बा हरियाना के गांव बाडीखड्ड के जंगल में लगातार लकड़

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 03:00 AM (IST)
रोज हो रही खैर की चोरी, डीएफओ बोले-रुक नहीं सकती
रोज हो रही खैर की चोरी, डीएफओ बोले-रुक नहीं सकती

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : कस्बा हरियाना के गांव बाडीखड्ड के जंगल में लगातार लकड़ी चोरों का आरा चल रहा है, मगर वन विभाग की कुंभकर्णी नींद नहीं खुल रही है। वन विभाग की सुस्त रवैये के कारण शुक्रवार रात लकड़ी चोर गांव के पास सरकारी जंगल से खैर के दस वृक्ष काट कर चोरी कर ले गए। शनिवार सुबह लोगों ने देखा की कि जंगल से पेड़ काटे जा चुके थे और जमीन में जड़े ही बची हैं। चोरी से काटे गए खैर पेड़ों की कीमत ढाई लाख रुपये बताई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लकड़ी चोरों के साथ वन विभाग के कुछ मुलाजिमों की मिलीभगत है। उनके ही आशीर्वाद से खैर के पेड़ काटे जाते हैं और होने वाली आमदन को हिस्सों में बांट लिया जाता है।

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चोरीशुदा लकड़ी हिमाचल प्रदेश में बिकती है

गांववासी रणदीप ¨सह, बख्शीश ¨सह, अनु ठाकुर, जो¨गदर ¨सह, ¨प्रस ने बताया कि खैर की लकड़ी बड़े स्तर पर चोरी हो रही है। यहां से लकड़ी चोरी करके हिमाचल प्रदेश में बेची जाती है। क्योंकि होशियारपुर का यह इलाका हिमाचल प्रदेश की सीमा के साथ सटा हुआ है। रातोंरात लकड़ी चोरी करके हिमाचल प्रदेश में पहुंचा दी जाती है। शिकायत करने के बावजूद वन विभाग अधिकारी गंभीरता नहीं दिखाते, बल्कि कागजी कारर्वाई पूरा करने के लिए थोड़ा बहुत जुर्माना करके अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर लेते हैं।

छह माह में चोरी हो चुके हैं दो सौ के करीब पेड़

गांव वासियों ने बताया कि वन विभाग की उदासीनता से सरकारी जंगलों से छह माह के अंदर करीबन दौ सो खैर के पेड़ चोरी हो चुके हैं। फिर भी वन विभाग चौकसी नहीं बरता है। खैर के वृक्षों के चोरी से काटने से छह माह की अवधि में सरकार का करीबन 16 लाख का नुकसान हो चुका है। इसके अलावा पर्यावरण पर आरा जो चल रहा है, सो अलग। सूत्रों की माने तो गांव बाड़ीखड्ड रेंज ढोलवाहा जिला होशियारपुर में सरकारी जंगल (रिजर्व जंगल) से लाखों रुपये की खैर की लकड़ी चोरी से काटकर हिमाचल प्रदेश में बेची जाती है। यहां पर जंगलात कर्मचारियों के होते हुए भी चोरी की वारदातें नहीं थम रहीं हैं। कोर्ट के आदेश के अनुसार मालिक अपने जंगल से न तो बिरोजा निकाल सकता है और न ही सूखे पेड़ कटवा सकता है। जंगल मालिक शहर का रुख कर रहे हैं और विभाग की नाक के नीचे चोर सारा खेल खेल रहे हैं।

चोरी की घटनाएं रुक नहीं सकतीं: डीएफओ

वन विभाग के डीएफओ सुरजीत ¨सह सहोता ने कहा कि सरकारी जंगलों से चोरी की घटनाएं रुक नहीं सकती हैं। क्योंकि खैर की लकड़ी महंगी है। लकड़ी काटने की सजा कम है। इसीलिए विभाग की मुस्तैदी के बावजूद खैर की लकड़ी चोरी हो जाती हैं। कोई कुछ भी कहता रहे, चोरी की घटनाओं में वन विभाग की मुलाजिमों की मिलीभगत नहीं हो सकती है।


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