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प्यालां के गुरुद्वारा साहिब से हटाए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 20 पवित्र स्वरूप

संवाद सहयोगी, शामचौरासी गांव प्यालां के गुरुद्वारा साहिब में बाबा लाठी वाले की नई स्थापित की

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Nov 2017 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 17 Nov 2017 03:01 AM (IST)
प्यालां के गुरुद्वारा साहिब से हटाए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 20 पवित्र स्वरूप
प्यालां के गुरुद्वारा साहिब से हटाए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 20 पवित्र स्वरूप

संवाद सहयोगी, शामचौरासी

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गांव प्यालां के गुरुद्वारा साहिब में बाबा लाठी वाले की नई स्थापित की मूर्ति के कारण और गुरुद्वारा साहिब की चाहरदीवारी के अंदर करवाए हवन, पीरों की कब्र और अन्य मनमर्जी के कारण छिड़े विवाद के संदर्भ में श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी, गुरुद्वारा साहिब की 11 सदस्यीय कमेटी व ग्रामीणों के बीच सुबह से शाम तक चली बातचीत बेनतीजा रही। आखिरकार सत्कार कमेटी ने गुरुद्वारा साहिब से मूर्ति न उठाए जाने के कारण वहां से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 20 स्वरूप गुरु मर्यादा मुताबिक अरदास कर शिरोमणि कमेटी की बस द्वारा गुरुद्वारा गरना साहिब में पंहुचा दिए।

इस संदर्भ में सुबह से ही गांव प्याला का उक्त गुरुद्वारा साहिब पुलिस छावनी में तब्दील था। इस छिड़े विवाद के कारण उक्त प्रबंधों और हालात का जायजा लेने के लिए जिला पुलिस प्रमुख की हिदायत पर एसपी बलवीर ¨सह भट्टी, डीएसपी हर¨जदर ¨सह (स्पेशल ब्रांच) सहित एसएचओ हरियाना, एसएचओ बुल्लोवाल, एएसआइ परमजीत ¨सह शामचौरासी, एएसआइ बिक्रमजीत ¨सह मंडियाला विभिन्न पुलिस पार्टियों के साथ तैनात थे। सिविल प्रशासन की ओर से एसडीएम ज¨तदर जोरवल, तहसीलदार अर¨वद कुमार वर्मा होशियारपुर, नायब तहसीलदार मंजीत ¨सह और कई अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सत्कार कमेटी के सुखजीत ¨सह, हर¨जदर ¨सह मोगा, बलवीर ¨सह मुच्छल, तरलोचन ¨सह सोहल, सुखवीर ¨सह, दविंदर ¨सह मुकेरियां, बल¨वदर ¨सह बुड्डी¨पड, गुरनाम ¨सह मूणकां, कल्याण ¨सह धर्म प्रचार समिति गरना साहिब, अमरजीत ¨सह जंडी के नेतृत्व में सुबह से ही उक्त स्थान पर सत्कार कमेटी और पंजाब भर से सदस्य इस बातचीत में हिस्सा लेने के लिए उपस्थित थे।

सुबह से शाम तक दोनों पक्षों की बात सफल न हुई। बाबा लाठी वाला प्रबंधक कमेटी के 11 सदस्यों में से पांच सदस्य श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूप वहीं रखने में सहमत थे, जबकि बाकी छह सदस्यों ने बाबा जी की मूर्ति को वहां से न उठाए जाने की सहमति नहीं दी। आखिर सत्कार कमेटी ने बात किसी किनारे न लगती होने के कारण सिख कौम के फैसले मुताबिक वहां से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप को गुरु मर्यादा सहित पालकी बस में सुशोभित कर गुरुद्वारा गरना साहिब में पंहुचा दिया।


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