350 रुपये क्विंटल मिले गन्ने का समर्थन मूल्य
पंजाब सरकार द्वारा मात्र दस रुपये प्रति ¨क्वटल गन्ने का भाव बढ़ाना किसानों के साथ कोरा मजाक है।
संवाद सहयोगी, मुकेरियां
पंजाब सरकार द्वारा मात्र दस रुपये प्रति ¨क्वटल गन्ने का भाव बढ़ाना किसानों के साथ कोरा मजाक है। ये बात सरपंच सौरभ मिन्हास बिल्ला ने किसानों की बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ लगते राज्य हरियाणा व यूपी में किसानो को 330 रुपये प्रति ¨क्वटल के हिसाब से गन्ने का भाव दिया जा रहा है। पर चीनी के मूल्यों एवं किसानों की लागत में हर साल बढ़ रहे खर्च को देखते हुए गन्ने का समर्थन मूल्य में केवल 10 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
उन्होंने कहा कि इस समय किसान की आर्थिक स्थिति पहले ही बहुत दयनीय है। पंजाब जो एक कृषि प्रधान राज्य है यहां की अधिकतर जनता खेती पर निर्भर है। मौजूदा पंजाब सरकार की करनी व कथनी में बहुत फर्क है। हाल ही में हुए विधानसभा के दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों को कई लुभावने सपने दिखाए थे कि सभी किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा चाहे उसने किसी भी बैंक अथवा आढ़ती से लिया हो पर सत्ता में आते ही अब अपने किए वादों से मुकरते नजर आ रहे है।
घोषणा के बावजूद अब केवल चार एकड़ तक के किसानों के कर्ज सोसाइटियों में किए जाने की बात की जा रही है पर अभी तक इस दायरे में आने वाले लोगों को यकीन नहीं होता कि ऐसा हो जाएगा, क्योंकि पहले पांच एकड़ के किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ करने सबंधी नोटिफिकेशन जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि इस समय चीनी का भाव बहुत अधिक है चीनी मिल वालों की चांदी है पर दिन रात मेहनत करने वाले किसान को उसकी मेहनत का उचित मूल्य न देना उनके साथ धोखा है।
उन्होंने सरकार से मांग की देश के अन्नदाता किसानों को उसकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उसकी फसल का वाजिब दाम दिया जाए। गन्ने का समर्थन मूल्य कम से कम 350 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया जाए तथा सीओ 238 गन्ने की किस्म को अगेती किस्म में रखा जाए। इस अवसर पर विजय बहवलमंज, सुरजीत बिल्ला, हरीश जलाला, दर्शन ¨सह पलाकी, मनजीत ¨सह पुराना भंगाला, नंदू जंडवाल आदि उपस्थित थे।