माईग्रेटरी पक्षी पंहुचे पौंग डैम झील
संवाद सहयोगी, तलवाड़ा विश्व के पूर्वी एवं उत्तरी हिस्से स्थित देशों में बर्फबारी शुरू होने क
संवाद सहयोगी, तलवाड़ा
विश्व के पूर्वी एवं उत्तरी हिस्से स्थित देशों में बर्फबारी शुरू होने के कारण माईग्रेटरी पक्षियों का यहां आना शुरू हो गया है। तलवाड़ा के पौंग डैम की झील एवं राष्ट्रीय वेटलैंड में प्रवासी पक्षियों के आगमन से वादियों में रौनक लौट आई है। हर वर्ष यहां आने वाले पक्षियों की संख्या हजारों में होती है, जो चार माह के प्रवास के बाद गर्मियां शुरू होते ही अपने वतन लौट जाते हैं।
आजकल झील के साथ सटे इलाकों शाह नहर वैराज, संसारपुर टैरेस, नारी घाटी के साथ झील के किनारों पर प्रवासी पक्षी लोगों का आकर्षण बन चुके हैं। पक्षियों का झील में उड़ान भरना तथा अठखेलियां करना बेहद सुंदर दृश्य प्रस्तुत कर रहा है।
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दूर देशों से आ चुका है रुडीशेल्डक व ग्रेलेग गूज
वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी सेवा ¨सह ने बताया कि इस बार झील में पहुंच चुके प्रवासी पक्षियों में शामिल रुडीशेल्डक, ग्रेलेग गूज, गैडवाल, कोरमोरेंट आदि प्रजातियों के प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं। संभावना है कि कामनटील, वीजन, क्रेसटिड ग्रेव, टफटिड डक भी झील में शीघ्र पहुंच जाएंगे।
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यहां क्यों आते हैं पक्षी
भारत के अलावा विश्व के ठंडे देशों थाईलैंड, साइबीरिया, जापान, रूस, अफगानिस्तान, स्विटजरलैंड, इंडो तिब्बत, वर्मा, मध्य एशिया के कई देशों में बर्फबारी होने से ठंड बढ़ जाने पर हजारों मील की दूरी तय कर हजारों माईग्रेटरी पक्षी शिवालिक की पहाड़ियों में आकर शरण लेते हैं। अपने वतन में मौसम अनुकूल होते ही माईग्रेटरी पक्षी मार्च के आसपास ही वापसी के लिए उड़ान भर जाते हैं।
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चार हजार पक्षी आए थे पिछले साल
पिछले साल झील में आए पक्षियों की गणना करने वाले संगठनों वाइल्ड लाइफ विभाग, चंडीगढ़ की एवीएन हेवीटेट सोसायटी, चंडीगढ़ बर्ड क्लब, जागृति संस्था तथा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने यहां पहुंचे पक्षियों की 42 प्रजातियों की मौजूदगी दर्ज की थी। वेटलैंड व सटे इलाके में 42 प्रजातियों के पक्षियों की संख्या करीब चार हजार दर्ज की गई थी। सबसे अधिक संख्या रेड क्रस्टड पोचर्ड की थी जबकि कूटस प्रजाति के 1092, कामन पोचर्ड 540 तथा गैडवाल की संख्या 310 पाई गई थी।