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पंचायत ने सुनाया गांव में दिखाई न देने का तुगलकी फरमान

संवाद सहयोगी, मुकेरियां मुकेरियां के गांव नौशहरा पत्तन की पंचायत ने पंचायती निर्देशों और

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Feb 2017 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Feb 2017 03:00 AM (IST)
पंचायत ने सुनाया गांव में दिखाई न देने का तुगलकी फरमान
पंचायत ने सुनाया गांव में दिखाई न देने का तुगलकी फरमान

संवाद सहयोगी, मुकेरियां

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मुकेरियां के गांव नौशहरा पत्तन की पंचायत ने पंचायती निर्देशों और मानव अधिकारों की सरेआम उल्लंघना करते गांव के एक व्यक्ति 50 हजार रुपये हर्जाने और गांव से निकलने का हुक्म सुना दिया। पंचायत ने यह फैसला गांव नौशहरा पत्तन में मिठाई की दुकान करते दो भाइयों के खिलाफ पुलिस को दी कथित झूठी शिकायत के संबंध में सुनाया है। असली दस्तावेज पंचायत के पास बताए जा रहे है और फोटो कॉपियां पीड़ितों के पास मौजूद हैं जिस पर गांव की सरपंच राजवंत कौर के शिकायतों पर बाकायदा मोहर लगी हुई है और कुछ पंचायत सदस्यों के भी हस्ताक्षर हैं।

अपनी किस्म का यह पहला केस है, जिसमें पंचायत ने किसी व्यक्ति को गांव में घुसने पर दूसरे पक्ष की तरफ से किए जाने वाले नुकसान का जिम्मेदार खुद ही होने का फरमान भी सुनाया है। सजा सुनाए जाने के बाद एक भाई अपने परिवार की जान माल की सुरक्षा के लिए परिवार सहित किराए पर मकान लेकर मुकेरियां में रहने लगा है, जिस पर रविवार को फिर हमला हुआ है। वह अभी लुधियाना में उपचाराधीन है।

गांव नौशहरा पत्तन के हरीश चंद्र ने बताया कि वह गांव में मिठाई का कारोबार करते हैं। बीती 24 दिसंबर 2016 को कुलबीर ¨सह उर्फ बब्बा निवासी गांव नौशहरा ने उनकी दुकान में घुसकर उनसे गाली-गलौज किया व धक्कामुक्की की। इसकी वीडियो रिकार्डिग दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई। उन्होंने गांव की पंचायत को बताया। परंतु सरपंच राजवंत कौर की तरफ से भी कुलबीर ¨सह का पक्ष रखने के कारण मामले की शिकायत 26 दिसंबर 2016 को एसएसपी दफ्तर होशियारपुर को दी गई। विरोधी पक्ष कुलबीर ¨सह बब्बा ने भी उसके भाई के खिला़फ झूठी शिकायत दे दी। इस मामले की जांच थाना प्रमुख मुकेरियां इंस्पेक्टर कुल¨वदर ¨सह विर्क की तरफ से की गई। इस दौरान हुए समझौते में पंचायत ने धक्केशाही करते मेरे भाई को गांव में न घुसने देने और 50 हजार हर्जाने का हुक्म सुना दिया। अपनी दुकानदारी तबाह होने के डर से इस समझौते को कबूल करते अपने भाई को मुकेरियां किराये पर मकान ले दिया। पंचायत ने समझौते में सा़फ तौर पर लिखा था कि इस समझौते के बाद जो भी कोई पहल करेगा और आरोपी पाया जाएगा, उसके ़िखला़फ एकतरफा कार्रवाई की जाएगी। परंतु इसके बावजूद 24 जनवरी 2017 को उक्त कुलबीर ¨सह आदि ने समझौते को तोड़ते हुए उसकी दुकान में घुसकर फिर गाली गलौज किया और धमकी दी कि वह उसके भाई को जान से मार या मरवा सकता है। गांव की पंचायत को बताया परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में उक्त सभी ने फिर उसके भाई पर हमला कर उसे गंभीर जख्मी कर दिया। उन्होंने डीसी और एसएसपी होशियारपुर से मांग की है कि उसके भाई पर कातिलाना हमला करने वालों और गांव में न घुसने देने का तुगलकी फरमान सुनाने वालों पर कार्रवाई की जाए।

पंचायत को है जुर्माना लगाने का हक

गांव की सरपंच राजवंत कौर ने कहा कि यह रा•ाीनामा दोनो पक्षों की सहमति के साथ हुआ है और राजीनामे के अनुसार कुछ समय के लिए मामला ठंडा करने के लिए रजनीश कुमार को गांव में दिखाई न देने बारे कहा गया था। उन्होंने दावा किया कि पंचायत को 50 हजार रुपये का जुर्माना हरजाना लगाने सहित और कई अधिकार हैं।

समझौते की कोई जानकारी नहीं

केस के जांच अधिकारी रहे एसएचओ कुल¨वदर ¨सह विर्क ने कहा कि उनको पंचायत ने आश्वासन दिया था कि वह दोनों पक्षों का राजीनामा पंचायत में करवा देंगे और राजीनामे की कापी भी पंचायत के पास ही मौजूद है। उनको ऐसे समझौते के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

कार्रवाई की जाएगी

डिप्टी कमिश्नर आनंदिता मित्रा ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में नहीं है और यदि कोई पंचायत ने ऐसा किया है तो शिकायत मिलने पर जांच के बाद पंचायत के खिला़फ बनती कार्रवाई की जायेगी।

पंचायत को नहीं है किसी को निकालने का हक

डीडीपीओ दिनेश वशिष्ट ने कहा कि पंचायत को 50 हजार रुपए से अधिक जुर्माना लगाने और बिना किसी कारण जुर्माना लगाने सहित मानव अधिकारों का उल्लंघन करके किसी निवासी को गांव निकालने का कोई अधिकार नहीं है। मामले की जांच करके पंचायत ़िखला़फ बनती कार्रवाई की जाएगी।

बाद में हुआ था समझौता

कुलबीर ¨सह बब्बा से बात की तो उसने बताया कि जिस सीसीटीवी कैमरा की वीडियो की बात की जा रही है उसके बाद उनका समझौता हो गया था।

हमारा काम तो समझौता करवाना

सरपंच रजवंत कौर के पति बलबीर ¨सह टीटा से इस लड़ाई में साजिश के लगाए आरोप की बात की तो उसने बताया कि मेरा इस लड़ाई से कोई वास्ता नही है। हमारा काम तो लोगों के बीच में समझौता करवाना है।


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