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मुसाफिरों पर लुटेरों की नजर, प्रशासन है बेखबर

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : सुरक्षा के नाम पर होशियारपुर रेलवे स्टेशन पर कोई प्रबंध नहीं है। सुबह चार

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 01:10 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 01:10 AM (IST)
मुसाफिरों पर लुटेरों की नजर, प्रशासन है बेखबर
मुसाफिरों पर लुटेरों की नजर, प्रशासन है बेखबर

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : सुरक्षा के नाम पर होशियारपुर रेलवे स्टेशन पर कोई प्रबंध नहीं है। सुबह चार बजे से रात ग्यारह बजे तक जालंधर-होशियारपुर जाने वाली रेलगाड़ियों का आना-जाना लगा रहता है। यहां तक कि इसी स्टेशन से एक गाड़ी प्रत्येक दिन रात को दिल्ली के लिए और एक गाड़ी सुबह चार बजकर पचास मिनट पर अमृतसर के लिए रवाना होती है। पिछले कुछ दिनों से देखा गया है कि रेलवे स्टेशन के आस-पास लूट-पाट की घटनाएं इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि डेली पैसेंजर भी सहमे-सहमे से दिखाई देते हैं। एक साल में लूट की कई घटनाएं हो चुकी हैं। दिल्ली-होशियारपुर रेलगाड़ी का चालक भी इन लुटेरों का शिकार हो गया और वह भी बिलकुल रेलवे स्टेशन के पास, और वह भी दिनदहाड़े आठ बजे। गाड़ी का चालक गाड़ी खड़ी करके प्लेटफार्म पर आ रहा था कि रास्ते में ही दो लुटेरे उसकी जेब में से दो हजार रुपये और मोबाइल छीन कर फरार हो गए। जीआरपी के सुरिन्दर ¨सह से बात करने पर उसने बताया कि होशियारपुर स्टेशन की सुरक्षा के लिए नफरी बढ़ाना बहुत ही जरुरी है। क्योंकि किसी भी समय कोई भी घटना हो सकती है तो ऐसे में अगर सुरक्षा कर्मी होगा तो भी बात बनेगी। कम से कम हर समय पांच पुलिस कर्मी मौजूद होने चाहिए क्योकि दो को स्टेशन पर एक को बाहर एक को गोदाम की तरफ और एक पुलिस कर्मी को रेलवे फाटक पर निगरानी रखनी होती है क्योकि कहीं भी कोई भी घटना घटने पर एक पुलिस कर्मी तो मौके पर हाजिर होना चाहिए।

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क्या कहते है सुरक्षा को लेकर स्टेशन मास्टर

इस बारे में स्टेशन मास्टर रजनीश कुमार ने बताया कि हमें पता है कि पिछले कुछ दिन से लूट की वारदातें काफी बढ़ गई है मगर हमने तो पहले भी जिला पुलिस को लिख दिया है कि स्टेशन के आसपास सुरक्षा बढ़ाई जाए और रात के समय स्टेशन के अंदर भी निगरानी की जाए। मगर किसी के कान पर जूं तक नही रेंगती है।

तीन की जगह केवल एक ही होता है ड्युटी पर

आरपीएफ के गुरजीत ¨सह ने बताया कि यूं तो स्टेशन पर तीन आरपीएफ जवानों की जरुरत होती है मगर तीन में से एक को जालंधर स्पेशल ड्यूटी पर बुला लिया गया है और दूसरा छुट्टी पर होने के कारण उसे ही ड्यूटी देनी पड़ रही है। गुरजीत ने बताया कि स्टेशन के साथ-साथ बाकी स्टेशन की भी निगरानी करनी होती है मगर एक आदमी सारा काम कैसे कर सकता है।


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