Move to Jagran APP

चौबीस घंटे में आए डेंगू बुखार के 61 संदिग्ध मरीज

हजारी लाल, होशियारपुर स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से डेंगू का हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पि

By Edited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 01:02 AM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 01:02 AM (IST)
चौबीस घंटे में आए डेंगू बुखार के 61 संदिग्ध मरीज

हजारी लाल, होशियारपुर

prime article banner

स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से डेंगू का हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिपलांवाला और रहीमपुर इलाके में डेंगू के कई केस सामने आ रहे हैं। डेंगू मच्छर ने 180 लोगों को अपनी चपेट में लिया है। इसमें 30 फीसद केस रहीमपुर और पिपलांवाला इलाके से हैं। चौकाने वाला पहलू यह है कि चौबीस घंटे के भीतर डेंगू के 61 संदिग्ध मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन मरीजों का ब्लड सैंपल लेकर जांच की जा रही है। इससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परेशान हो उठे हैं, लेकिन उनके पास सिवाय हाथ मलने के कुछ नहीं है। कमियां छिपाने के लिए डींगें बेशक हांकी जा रही हैं पर सच्चाई यह है कि स्वास्थ्य विभाग के दावों में दम नहीं है क्योंकि डेंगू मच्छर से लड़ने के लिए आबादी के हिसाब से एंटी लारवा की टीम छोटी है। इसीलिए हम सुरक्षित नहीं हैं।

वर्ष 1988 के दशक में शहर की आबादी महज 50 हजार के करीब थी। उस समय स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू मच्छर से लड़ने के लिए एंटी लारवा टीम की फौज तैयार की थी। शुरुआती दौर में 30 मुलाजिम रखे गए थे। यह मुलाजिम साफ खड़े पानी में दवाइयां छिड़कने का काम करते थे, लेकिन घोर विडंबना है कि अब शहर की आबादी 1.70 लाख तक पहुंच चुकी है तो एंटी लारवा टीम की फौज बढ़ाने की बजाय खाली पोस्टें ही नहीं भरी जा रही हैं।

10 में 07 पोस्टें खाली

वर्तमान समय में एंटी लारवा टीम में मल्टीपर्पस वकरों की 10 में 07 पोस्टें खाली हैं। दवाई छिड़कने वाले दर्जा चार कर्मियों की 30 पोस्टों में से 20 पोस्टें खाली पड़ी हैं। मसलन कि दस मुलाजिम ही मच्छरों को मारने के लिए लड़ते हैं। अब जब डेंगू मच्छर ने हमला तेज किया तो हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने कुछ मुलाजिमों को और दवा के छिड़काव में लगाया है। खुद एयर कंडीशंड कमरों में बैठने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों को जमीनी हकीकत से कोई लेना देना नहीं होता है बल्कि वह सेमिनार के नाम पर खानापूर्ति करके अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री करते रहते हैं। सारा दंश जनता को झेलना पड़ता है।

लोगों को किया जा रहा है जागरूक

स्वास्थ्य विभाग के डेंगू इंचार्ज डॉ. मनोहर लाल का कहना है कि डेंगू बुखार की समस्या से निपटने के लिए विभाग कारगर कदम उठा रहा है। दवा छिड़काव के साथ-साथ लोगों में जागरूकता भी लाई जा रही है।

डेंगू के लक्षण

-तेज बुखार व सिरदर्द।

-आंखों के पीछे व शरीर में दर्द।

-स्वाद व भूख खत्म हो जाना।

-नींद की कमी।

- उल्टियां आना व पेट दर्द।

-नाक, मुंह व जबड़ों से खून आना।

-सांस लेने में तकलीफ होना।

डेंगू से बचाव

-घर के आसपास सफाई रखें व पानी एकत्रित न होने दें।

-घरों में मच्छर मार दवाई का छिड़काव करें।

-रात को सोते समय शरीर को पूरा ढंक कर रखें।

-घरों में पड़े गमले, कूलर, घड़े में लंबे समय तक पानी न जमा होने दें।

लाल रंग के धब्बे पड़ें तो डॉक्टर को दिखाएं

डाक्टर विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू वायरस से फैलता है। यह एडीज नामक मच्छर के काटने से पनपता है। यह मच्छर इस मौसम में सक्रिय होता है। यह साफ पानी में पैदा होता है। इसमें तेज बुखार होता है। तेज सिरदर्द होता है। खासकर आंखों के पिछले हिस्से में। मांस पेशियों व जोड़ों में दर्द। चमड़ी पर खून के लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। ज्यादा गंभीर केस होने पर मुंह व शौच के रास्ते से खून रिसना शुरू हो जाता है। डेंगू बुखार होने पर प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। प्लेट्लेट्स 20 हजार से कम होने पर खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।

--


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.