होशियारपुर में डेंगू की दस्तक, सकते में स्वास्थ्य विभाग
हजारी लाल, होशियारपुर मौसम में नमी आते ही डेंगू मच्छर ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पुरहीरा
हजारी लाल, होशियारपुर
मौसम में नमी आते ही डेंगू मच्छर ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पुरहीरा इलाके से डेंगू बुखार के दो केस पाजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया है। क्योंकि जुलाई महीने से डेंगू मच्छर का प्रकोप जारी हो जाता है और नवंबर तक रहता है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक डेंगू बुखार के 13 केस पाजिटिव पाए गए हैं। हालाकि अभी भी अफसरशाही डेंगू से दो-दो हाथ करने का राग अलापता नजर आ रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत है कि मास्कीटो टाइगर के हमले को रोकने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम दिख रहा है। आबादी बढ़ी, एंटी लारवा के मुलाजिम घटे
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सकते में जरुर हैं, लेकिन उनके पास भी करने को कुछ नहीं है। जहा पर डेंगू फैल जाता है, उस इलाके में स्वास्थ्य अधिकारी दौरा करके छिड़काव का तामझाम करके जागरुकता का राग अलापते हैं। स्वास्थ्य विभाग को सबसे ज्यादा कमी एंटी लारवा की छोटी टीम की खल रही है। क्योंकि वर्ष 1988 में डेंगू रोकने के लिए अर्बन एरिया में एंटी लारवा गठित करके तीस मुलाजिमों की तैनाती की गई थी। उस समय शहर की आबादी महज 50 हजार थी तो तीस मुलाजिम थे। अब जबकि शहर की आबादी 1.70 का आकड़ा छू रही है तो मुलाजिम घटकर एक दर्जन ही रह गए हैं। मसलन की आबादी घटी है और मच्छरों से लड़ने वाली स्वास्थ्य विभाग की फौज घटी है। इस वजह से खुद को स्वास्थ्य विभाग निहत्था महसूस कर रहा है। पिछले साल डेंगू बुखार के 563 केस आए थे। इसमें से दो लोगों की मौत हुई थी। अगर समय रहते इस बार भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी न चेते तो डेंगू मच्छर अपना कहर बरपाएगा।
पूरे हैं बंदोबस्त
एपीडेमोलाजिस्ट डा. शैलैश कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। जागरूकता के साथ-साथ दवाइयों का भी पर्याप्त बंदोबस्त है। उन्होंने लोगों से भी जागरुकता होकर सावधानी बरतने की अपील की है। इस बार कूलरों में डेंगू मच्छर ज्यादा मिल रहे हैं। लोगों को चाहिए की कि वह कूलर को पूरी तरह से साफ करके रखें। एंटी लारवा मुलाजिमों के साथ-साथ मल्टीपपर्स हेल्थ वर्कर का भी सहयोग लिया जा रहा है।
- जरा सावधान
विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू वायरस से फैलता है। यह एडीज नामक मच्छर के काटने से पनपता है। यह मच्छर इस मौसम में सक्त्रिय होता है। यह साफ पानी में पैदा होता है। इसमें तेज बुखार होता है। तेज सिरदर्द होता है। खासकर आखों के पिछले हिस्से में। मास पेशियों व जोड़ों में दर्द। चमड़ी पर खून के लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। ज्यादा गंभीर केस होने पर मुंह व शौच के रास्ते से खून रिसना शुरू हो जाता है। डेंगू बुखार होने पर प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। प्लेट्लेट्स 20 हजार से कम होने पर खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
.तो आगे बढ़ाए कदम
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों को रक्त की कमी काफी सताती है। चार व्यक्तियों के फ्रेश रक्त को मिलाकर एक यूनिट प्लेटेलेटस तैयार होता है। एक मरीज का प्लेटलेट्स लेवल पर लाने के लिए कम से कम दस से बारह व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है। एक मरीज के लिए इतने व्यक्तियों को इकट्ठा करना कठिन हो जाता है। भविष्य में कोई परेशानी न आए। इसके लिए हमें अभी से ही आगे आना होगा। रक्तदान करने के इच्छुक लोग दैनिक जागरण के माध्यम से भी अपील कर सकते हैं। इस संबंध में कोई जानकारी लेने के लिए दैनिक जागरण के नंबरों 01882-242900 पर संपर्क करें।
रक्तदानी यहा दर्ज करवाए नाम
-भूपिंदर सिंह पाहवा, प्रधान, भाई कन्हैया जी चेरीटेबिल ब्लड बैंक, होशियारपुर। मोबाइल फोन:- 94172-30369 व 01882-229547