मिलिट्री अस्पताल में सात डाक्टरों की मंजूरी, ड्यूटी करता है एक डाक्टर
उन्होने बताया कि यहां पर डाक्टर केवल ग्यारह माह के लिए ही नियुक्त किए जाते हैं, उस के बाद या तो नए ड
उन्होने बताया कि यहां पर डाक्टर केवल ग्यारह माह के लिए ही नियुक्त किए जाते हैं, उस के बाद या तो नए डॉक्टर आते हैं या फिर उन्ही को दोबारा रख लिया जाता है। यह सब आर्मी अस्पताल जालंधर कैन्ट की तरफ से ही किया जाता है।
टीम के साथ आए कर्नल तरनजीत ¨सह ने कहा कि हमें पता है कि मरीजों के साथ यहां पर बहुत धक्का हो रहा है। हर रोज यहां पर करीव 450 से 500 तक की ओपीडी होती है और कई तो इतने बुजुर्ग होते है कि बैठ भी नही सकते उपर से यहां पर डॉक्टर नही मिलते। उन्हें बाहर के अस्पताल में भेजना पड़ता है। हमारे पास केवल पचास हजार तक की दवाई खरीदने का स्टोक होता है। जो काफी नही है। -90 साल की निर्मल कौर ने बताया कि सुबह साढ़े नौ बजे से आकर बैठी हैं, पता नही कब नंबर आएगा। जोगिंदर ¨सह दादूवाल,चरण ¨सह व चेतन ¨सह ने बताया कि पूर्व सैनिक होने के कारण हम यहां पर आ तो गए है मगर यहां पर आकर पता चला कि यहां पर तो डॉक्टर ही नही है। केवल एक डाक्टर आखिर कितने मरीजों को देख सकता है। सरकार को चाहिये कि यहां पर जल्द से जल्द डाक्टरों की भर्ती करे।