गोसेवा को बनाया जीवन का लक्ष्य
सरोज बाला, दातारपुर 10 साल पहले कंडी इलाका में सडक पर दुर्घटना में घायल गाय को बेसहारा तड़पते देखा
सरोज बाला, दातारपुर
10 साल पहले कंडी इलाका में सडक पर दुर्घटना में घायल गाय को बेसहारा तड़पते देखा तो उस समय नगर कौंसिल जालंधर में कार्यरत एक्सईएन हरविन्द्र कुमार का मन पसीज गया। उन्होंने गाय माता की सेवा करने का मन बना लिया। इस काम के लिए वह इलाके में घूमे। अंत में कमाही देवी के गाँव भाटी शकर कौर में पंचायत से सहयोग मिला। साथ ही मिली मिली चार एकड़ जमीन। ब्रह्मालीन महंत राम प्रकाश दास तथा महंत राज गिरी जी से मन्त्रणा की और गोशाला निर्माण शुरू हुआ। हर¨वदर ने, खुद अपनी जेब से धनराशी खर्च की यहाँ तक कि अपना तमाम प्रोविडेंट फंड ही निकाल कर खर्च कर दिया फिर तो इरादों को पंख लग गए। उन्होंने अविनाश रायखन्ना ,अमरजीत ¨सह साही से सहयोग माँगा तो मिला भी आज हर¨वदर के सपनों की मूर्त रूप गोशाला अस्तित्व में है 7खन्ना ने 3 लाख ,साही ने 3 लाख और अरुणेश शाकर ने भी एक लाख रुपये दिए। 150 के करीब बेसहारा गायों को यहाँ आशियाना मिला है उन्होंने चार लोगों को यहाँ रोजगार भी दिया है। रास्ते में कोई भी गाय घायल हो तो हर¨वदर गाडी किराये पर लेते हैं, जालंधर ले जाते हैं। इलाज के बाद फिर गाय को गोशाला में पहुंचाते हैं। तीन ट्रक तूड़ी मोगा के संत श्री अमर ¨सह से ही मिल जाती है।
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