क्रशर की गाड़ियों से सड़क की हालत खस्ता
संवाद सहयोगी, तलवाड़ा : पंजाब-हिमाचल की सीमा पर ब्यास दरिया के किनारे माइनिंग का काम जोरों पर चल रहा
संवाद सहयोगी, तलवाड़ा : पंजाब-हिमाचल की सीमा पर ब्यास दरिया के किनारे माइनिंग का काम जोरों पर चल रहा है। वैसे तो पंजाब सरकार ने माइनिंग पर रोक लगा रखी है लेकिन फिर भी यह बेरोकटोक जारी है।
हिमाचल प्रदेश से क्रशर की गाड़ियां पुलिस से खुद को बचाने के लिए मेन रोड की जगह पंजाब के छोटे-छोटे गांवों की सड़कों से गुजरती है उनकी बर्बादी का कारण बनती हैं। कई गांवों में नहरों के पुल टूटने की कगार पर आ गए हैं। यहां तक कि कुछ गांवों में जमींदार खुद अपने खेतों से माइनिंग का काम करवा रहे हैं। जो ट्रैक्टर कभी कृषि के लिए प्रयोग में लाए जाते थे उनका प्रयोग माइनिंग में हो रहा है।
पटौली, नवे घर, चक्क मीरपुर, टोटो व चढ़कगाम आदि कुछ ऐसे गांव हैं जिसकी गांव को आने जाने वाली सड़कें टूट गई हैं। पूर्व सरपंच जगदेव पठानिया, सुमित डडवाल ने बताया कि इन गांवों में पूर्व कैबिनेट मंत्री केवल कृष्ण ने सड़कों का निर्माण करवाया था। उसके बाद किसी नेता व सरकारी अधिकारी ने इनकी मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया।
गांववासियों ने दैनिक जागरण को दिखाया कि कैसे पहाड़ों को काट-काट कर माइनिंग का काम चल रहा है। लोगों का कहना था कि कई बार अधिकारियों से शिकायत करने के बाद सड़कों को मरम्मत नहीं हुई और न ही माइनिंग को बंद करवाया गया। लोगों व गांव पंचायत ने सरकार से मांग की है कि क्रशर मालिकों पर कार्रवाई कर सड़कों का पुनर्निर्माण करवाया जाए।