दाना मंडी में किसान परेशान, तमाशबीन निजाम
बलराम बराशर, हरियाना हरियाना की दाना मंडी में पंजाब के अन्नदाता को कई प्रकार की चुनौतियों का सामन
बलराम बराशर, हरियाना
हरियाना की दाना मंडी में पंजाब के अन्नदाता को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां मंडी बने 15 साल से ज्यादा हो चुके हैं मगर किसान दर्शन सिंह, निर्मल सिंह, मनजीत सिंह और दलजीत सिंह का कहना है कि मंडी का फड़ पक्का नहीं है। इसकी वजह से फसल का ज्यादातर हिस्सा खराब हो रहा है। खरीद एजेंसी पनसप है कि अभी तक मंडी में कोई उचित प्रबंध नहीं हुआ। जो किसान गेहूं लेकर मंडी में पहुंच चुके हैं वह दिन-रात फसल बिकने का इंतजार कर रहे हैं। मगर कोई भी सरकारी अफसर आकर खरीदारी की बात ही नहीं करता। किसानों की हालत ऐसी है कि वह गेहूं के ढेरों को तिरपालों से ढंकते हैं और उसी के पर सो जाते हैं।
शौचालय के नाम पर खानापूर्ति
मंडी में पीने के लिए न तो साफ पानी का कोई इंतजाम है और न ही कोई शौचालय है। खानापूर्ति के लिए दो लकड़ियां लगाकर उसे तिरपाल से ढंककर शौचालय का रूप दे दिया गया है। किसान पंजाब सिंह पूर्व ब्लाक संपति मेंबर का कहना है। कि किसानों की हालत तरस योग्य हो चुकी है। दूसरी तरफ काम करने के लिए पल्लेदार व मजदूर मंडी में खरीद न होने के कारण अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यहां काम करने के लिए वह दूसरे काम छोड़ कर आए हैं। मंडी न चलने की वजह से उन्हें यहां भी काम नहीं मिल रहा।
इंस्पेक्टर ने देरी की बात मानी
इस संबंध पनसप खरीद एजेंसी के इंस्पेक्टर बलवीर सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार से ही खरीद शुरू कर देंगे। सीजन के शुरूहोने से पहले कुछ दिक्कत आती है इसलिए खरीद करने में थोड़ी देरी हुई है। खरीदी गई गेहूं की लिफ्टिंग के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि लिफ्टिंग का अभी किसी भी ट्रांसपोर्टर के साथ टेंडर नहीं हुआ है।