नहीं लांघी मर्यादा की 'सीमा', जान कुर्बान
हजारी लाल, होशियारपुर आदर्श कालोनी की नाबालिग सीमा ने जहर निगल कर जान दे दी, मगर मर्यादा की सीमा
हजारी लाल, होशियारपुर
आदर्श कालोनी की नाबालिग सीमा ने जहर निगल कर जान दे दी, मगर मर्यादा की सीमा को नहीं लांघा। हालांकि उसके द्वारा किए गए मौत के सौदे से उसकी विधवा मां बलविंदर कौर टूट गई है। उसकी जिंदगी में अंधेरा छा गया है, क्योंकि ढाई साल पहले पति जय लाल की मौत से आभागी बलविंदर उबर नहीं पाई थी कि बड़ी बेटी सीमा ने उसकी जिंदगी में तूफान लाकर खड़ा कर दिया। यह वही सीमा है, जिसमें सीमा ने कालोनी के तीन लड़कों अजय, धीरज व कमल की हरकतों से तंग आकर सोमवार को जहर निगल लिया और कुछ घंटों के बाद जिंदगी से हार गई थी।
सीमा की ओर से मौत को गले लगाने से इलाके के लोग दंग हैं। मगर उसकी विधवा मां बलविंदर कौर टूट गई है। वह सिविल अस्पताल में रो-रोकर कह रही थी कि सीमा ही तो उसकी सहारा बनने वाली थी, लेकिन तीनों युवकों की घटिया मानसिकता ने उससे उसे हमेशा-हमेशा के लिए छीन लिया। पिता जय लाल की मौत के पश्चात सीमा अपनी मां को कहती थी कि मां घबराना नहीं, बड़ी हो रही हूं। तुम्हारी सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लूंगी। रोते हुए बलविंदर कहती है कि सोमवार को सीमा दसवीं के गणित की परीक्षा देकर आई थी तो उदास थी। उसने सोचा की कि शायद पेपर ठीक नहीं हुआ होगा। समझाने के बाद वह खेतों में काम करने चली गई और पीछे से सीमा ने जहर निगल लिया। उसे पता होता तो वह खेतों में काम करने कभी न जाती।
मंगलवार को सीमा को कंप्यूटर का पेपर था, लेकिन कुदरत का करिश्मा देखो कि सिविल अस्पताल में उसका पोस्टमार्टम हो रहा था। सीमा पढ़ने में बहुत तेजतर्रार थी। बलविंदर को उम्मीद थी कि सीमा बड़ी हो रही है और वह जल्द ही अपने छोटे भाई और दो बहनों की जिम्मेदारी संभालने लग जाएगी। सीमा की दादी का भी रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था।
आदर्श कालोनी के ही अजय कुमार पुत्र त्रिलोक चंद, कमल कुमार और उसका भाई धीरज कुमार दोनों पुत्र कुंदन लाल आते-जाते सीमा को बेहद तंग करते थे। पीड़िता को अवैध संबंध बनाने के लिए मजबूर करते थे। इनकी हरकतों से सीमा इतनी तंग हुई कि उसने अपनी जान कुर्बान कर दी पर मर्यादा की सीमा को नहीं लांघा।