कॉपी..'जवान' बादल ने बुजुर्गो को लगवाए ठहाके
हजारी लाल, होशियारपुर अभी तो मैं जवान हूं। सिर्फ शीशे के आगे पगड़ी बांधते वक्त लगता है कि मैं बूढ़ा
हजारी लाल, होशियारपुर
अभी तो मैं जवान हूं। सिर्फ शीशे के आगे पगड़ी बांधते वक्त लगता है कि मैं बूढ़ा हूं, वर्ना सारा दिन जवानी महसूस होती है। 90 साल के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने शुक्रवार को होशियारपुर में सोनालीका उद्योग समूह के वाइस चेयरमैन अमृतसर मित्तल की पत्नी संगीता मित्तल की संस्था संजीवनी शरणम् में बुजुर्गो से गुफ्तगू करते हुए अपना राज बताया।
बुजुर्गो की हौसलाअफजाई करते बादल ने कहा, हमेशा खुद को जवान समझो। फिर बुढ़ापा पास नहीं आएगा। शुक्रवार को वह 45 गांवों की संगत दर्शन करके आए हैं, मगर थकावट नहीं है। बुढ़ापे में भी जवान रहने के राज के बारे में बादल ने कहा कि वह सुबह साढ़े पांच बजे उठ जाते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट की देखरेख में कम से एक घंटा व्यायाम करते हैं। फिर आधा घंटा अखबार पढ़ते हैं। एक घंटा पूजा-पाठ करने के बाद दिनचर्या की शुरुआत करते हैं।
अब मैं तब आऊंगा, जब हवाई जहाज बनाओगे..
बुजुर्गो को हंसाने में प्रकाश सिंह बादल ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। बीच-बीच में अपने अंदाज में बादल हंसाते रहे। पास बैठे अमृत सागर मित्तल की तरफ इशारा करते हुए बादल ने कहा कि मैने ही सोनालीका ट्रैक्टर्स बनाने के कार्यो का शुभारंभ किया था। अब मैं तब आऊंगा, जब आप हवाई जहाज बनाओगे..। यह सुनकर वहां पर बैठे लोगों ने खूब ठहाके लगाए।
जब बादल ने कहा, मैं तगड़ा मंगता हूं..
साथ में बैठे अमृत सागर मित्तल व उनकी पत्नी संगीत मित्तल से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि मैं तगड़ा मंगता हूं। सामने बैठे बुजुर्गो की ओर से आवाज आई, आप तो दाता हो..। फिर बादल ने कहा नहीं, मैं लोगों को लोगों का ही देता हूं। हमारे पास कुछ नहीं है। बादल ने इच्छा जताई की कि गरीब बुजुर्गो को भी ऐसा माहौल मिलना चाहिए।
सोलानीका के प्रयासों की तारीफ
संजीवनी शरणम के प्रयासों की तारीफ करते हुए बादल ने कहा कि बुजुर्गो को खुश रखने के लिए ऐसे संस्थानों की आवश्यकता है। सभी को हम उम्र प्यारे होते हैं। बच्चा ही जवान होता है और वह ही बूढ़ा। वैज्ञानिक कल्पना चावला के माता-पिता द्वारा करनाल (हरियाणा) में बनाए गए वृद्धाश्रम की भी तारीफ करते हुए बादल ने कहा कि उससे प्रेरित होकर उन्होंने पंजाब में वृद्धाश्रम बनवाए।
जब निराश होना तो संजीवनी शरणम् आ जाना बादल साहब
प्रकाश सिंह बादल को बुजुर्गो ने हंसाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। एक बुजुर्ग ने अपने ही अंदाज में कहा कि बादल साहब, जब कभी आप निराश होना तो संजीवनी शरणम् आ जाना। यह शब्द सुनकर मुख्यमंत्री भी मुस्कुराने लगे।
बुजुर्गो की याद आती थी, इसीलिए बनवा दिया संजीवनी शरणम् : संगीता
संजीवनी शरणम् की संचालिका संगीता मित्तल ने कहा कि कई बुजुर्ग थे, जो अब नहीं है। कई दूर चले गए। उनकी बहुत याद आती थी। इसीलिए मैने संजीवनी शरणम् बनाने का फैसला किया। मन में यह ख्याल आते ही डेढ़ माह में संजीवनी शरणम बनकर तैयार हो गया। सच में, बुजुर्गो की सेवा करने में बहुत मजा आता है। उनके साथ खाना खाना, गपशप लगाने में अलग ही आनंद आता है। संजीवनी शरणम् का उद्देश्य बुजुर्गो की उदासी को खुशी में बदलना है।
संगीता की पुस्तक ब्रह्म सूत्र का विमोचन
बादल ने संगीता मित्तल की पुस्तक ब्रह्म सूत्र का विमोचन भी किया। मंच संचालन की भूमिका डॉ. अजय बग्गा ने निभाई। इस अवसर पर डीसी अनिंदिता मित्रा, एसएसपी राजजीत सिंह हुंदल, एसपी नरेश डोगरा, एसडीएम आनंद सागर शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. सुरजीत सिंह, एसके पोमरा भी मौजूद थे।