मिनी सचिवालय में अवैध पार्किग सुरक्षा को खतरा
जागरण संवाददाता, होशियारपुर अफसरशाही की उदासीनता से सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा दांव पर लगी हुई है
जागरण संवाददाता, होशियारपुर
अफसरशाही की उदासीनता से सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा दांव पर लगी हुई है। मामला गंभीर होने के बावजूद किसी भी अधिकारी को इसका ख्याल नहीं है। आला अधिकारी बदलते रहते हैं। कुछ नया होने की बजाय व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही दौड़ती रहती है। मिनी सचिवालय में सुरक्षा को ताक पर रखकर नो पार्किग जोन में खड़े वाहन सुरक्षा व्यवस्था की कलई खोलते नजर आते हैं। वाहनों की कतारों को देख कर दीपक तले अंधेरा वाली बात दिखती है।
वीरवार को मिनी सचिवालय का दौरा करने पर एसएसपी ऑफिस के सामने से लेकर पीछे तक वाहनों की कतारें लगी थीं जबकि वहां पर वाहनों को खड़ा करने की मनाही है, लेकिन इसे लेकर कोई भी गंभीर नहीं है। हैरानी की बात है कि नियमों का पालन करवाने के लिए एक मुलाजिमों को भी तैनात किया गया, मगर उसकी कोई सुनता ही नहीं है। पार्किग में वाहन खड़े करने की बजाय धड़धड़ाते पीछे तक पहुंच जाता है।
सुरक्षा व्यवस्था की लिहाज से वाहनों का वहां खड़ा होना कतई ठीक नहीं है। क्योंकि देश में कई बार वाहनों में धमाके हो चुके हैं। यहां से होकर ही मिनी सचिवालय में बैठते तमाम अधिकारी, सैकड़ों मुलाजिम व काम करवाने के लिए न जाने कितने लोग आते-जाते हैं। वैसे तो बाहरी लोगों के वाहनों के लिए मिनी सचिवालय में दो पार्किग की व्यवस्था है और सरकारी मुलाजिमों के लिए अंडरग्राउंड पार्किग है। बावजूद इसके अधिकांश लोग पहुंच होने की धौंस जमाते हुए आगे निकल जाते हैं। कानून को तोड़ने में आम लोगों की अपेक्षाकृत मुलाजिम ज्यादा होते हैं। वह भी नीचे जाने व पैदल चलने से बचने के लिए नियमों का पालन नहीं करते हैं। समझ से बाहर हो जाता है कि जब सरकारी कार्यालयों के इर्दगिर्द की सुरक्षा रामभरोसे हैं, तो जगहों की क्या हाल होगी। और तो और वीआइपी सीढि़यों से बिना किसी के परवाह किए लोग आते-जाते रहते हैं। कुल मिलाकर मिनी सचिवालय में खड़े होने वाले वाहन सुरक्षा व्यवस्था पर अंगुली उठाते हैं, मगर अफसरशाही को इसका तनिक भी एहसास नहीं है।
नियमों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा : डीसी
इस संबंध में डीसी आनंदिता मित्रा ने कहा कि किसी को नियमों का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा। वह आदेश देंगी की कि नो पार्किग में कोई भी वाहन न खड़े हों।