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मांगें रखने पर विधायक राठां हुए लाल

संवाद सहयोगी, गढ़शंकर मेला छिंज छरांहों में बीत भलाई कमेटी द्वारा आयोजित टूर्नामेंट के आखिरी दिन

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 02:41 AM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 02:41 AM (IST)
मांगें रखने पर विधायक राठां हुए लाल

संवाद सहयोगी, गढ़शंकर

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मेला छिंज छरांहों में बीत भलाई कमेटी द्वारा आयोजित टूर्नामेंट के आखिरी दिन इनाम वितरण समारोह के मौके पर मुख्य अतिथि विधायक सुरिंदर सिंह भुल्लेवाल रांठा के सामने जब मंच संचालक ने बीत की मांगों को रखा तो विधायक गुस्से से लाल हो गए।

समारोह के दौरान मंच संचालक ने बीत की अति जरूरी मांगों का जिक्र करना शुरू किया तो भीड़ ने तालियां बजाकर समर्थन किया। यह वह मांगें थीं जिनको लेकर बीत भलाई कमेटी पिछले 20 वर्ष से संघर्ष कर रही थी। जैसे पीने का पानी, डल्लेवाल से खुराली तक सड़क का निर्माण, लावारिस पशुओं का उजाड़ा।

मगर विधायक से तालियों की गड़गड़ाहट बर्दाश्त नहीं हुई। उन्हे तालियों में अपनी बेइज्जती महसूस हुई। वह गुस्से में आकर मंच संचालक से बोले कि जब मांगपत्र दे चुके हो तो बार-बार बातें करने की क्या जरूरत है। इस दौरान विधायक के कुछ सर्मथकों ने भी मंच संचालक को भलाबुरा कहा और उसे मंच से नीचे उतरने के लिए कहने लगे।

एक समय तो ऐसा आया कि मौजूद मुख्य अतिथि प्रेम सिंह चंदूमाजरा उठकर जाने को तैयार हो गए। हालांकि बाद में अकाली नेताओं की समझदारी व मंच संचालक की सहनशीलता से मसला शांत हुआ।

सांसद चंदूमाजरा को सुने बगैर ही चले गए लोग

इस दौरान लोग विशेष अतिथि एमपी प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा को देखे व सुने बगैर वहां से जाने लगे। भारी भीड़ अंत में सैकड़े से भी नीचे आ गई।

विरोधी बोले, लोग अपनी बात विधायक के सामने न रखें तो कहां रखें

इस पर सीनियर कांग्रेसी नेता शिकायत निवारण कमेटी मेंबर पवन कटारिया व बीत भलाई कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अजैब सिंह बोपाराय, राणा अवतार सिंह, यशपाल सिंह भट्ठल आदि ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र की हत्या है। अगर जनता अपनी मुश्किलें विधायक के सामने न रखे तो किसके सामने रखे। उन्होंने कहा कि बीत भलाई कमेटी बीत के लोगों का नेत्तृव करती है। उन्होंने कहा कि विधायक व उसके साथियों का गुस्सा किसी एक पर नहीं बल्कि पूरे बीत के लोगों पर है। इस सबसे यह बात साबित होती है कि मौजूदा सरकार व इसके स्थानीय नेता बीत के लोगों के प्रति गंभीर नहीं।


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