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मैंनू नशा नाम दा चढ़ेआ नी... पर झूमे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, होशियारपुर श्री बांके बिहारी सेवा मंडल वेलफेयर कमेटी द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत

By Edited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 06:18 PM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 06:18 PM (IST)
मैंनू नशा नाम दा चढ़ेआ नी... पर झूमे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, होशियारपुर

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श्री बांके बिहारी सेवा मंडल वेलफेयर कमेटी द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन का विधिवत उदघाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष चौधरी ने ज्योति प्रज्ज्वलित करके किया।

इस मौके पर उनके साथ चौधरी राम लुभाया, एसडीएम आनंद सागर शर्मा, डॉ. कुलदीप नंदा, अमरपाल काका, मनोज कपूर व भूपिंदर सिंह पाहवा आदि शामिल थे। मेरी सुध लीजो वृषभानुदुलारी, कृष्ण प्यारी से कथा का आगाज करते हुए गौरव कृष्ण स्वामी ने कहा कि एक बार राधा का नाम मुख से निकलने पर सारी व्याधियां दूर हो जाती हैं। उन्होंने भागवत के 4 अक्षरों का अर्थ हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को बताते हुए कहा कि जैसे सागर का दूसरा किनारा मनुष्य को नजर नहीं आता, वैसे ही जन्म का दौर तो दिखता है, मगर मृत्यु का दौर दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि जिंदगी धोखा दे सकती है, मगर मौत नहीं। गोस्वामी ने सुक्रांत की कथा सुनाते हुए कहा कि ऐसे महान लोग भी हुए हैं जिन्होंने मौत का खुद अपने मुख से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि मरता तो शरीर है आत्मा तो पुन: प्रभू अंश में विलीन हो जाती है। गौरव जी ने धुंधकारी दैत्य की कथा सुनाते हुए समाज को बड़े बुजुर्गो की हो रही अनदेखी पर समझाते हुए कहा कि एक युवक को उन्होंने अपने पास रखने से मना कर दिया था, क्योंकि घर में उसकी वृद्ध माता अकेली रह गई थी। परमहंस जी ने युवक को समझाया था कि घर से भागकर नहीं घर में रह कर माता की सेवा करने पर ही उसे बांके बिहारी जी के दर्शन हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि नंद बाबा यशोदा कहीं घर छोड़ कर नहीं भागे थे। खुद लाला ही उनके घर पर आ गए थे। गोस्वामी जी ने कहा कि महाराष्ट्र के पंडरपुर में पंडरीनाथ जी आज भी अपने भक्त की प्रतीक्षा में ऐसे ही खड़े हैं। महाराज ने हम दो हमारे दो सुनाकर समाज से प्रश्न किया कि फिर माता पिता कहां गए। संतों की महमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि संत को चाहता है कि 335 अध्याय, 1800 श्लोक और 12 स्कंद के श्रीमद्भागवत कथा रुपी भव सागर में बैठकर मनुष्य भव सागर से पार उतर सकता है। गोस्वामी महाराज जी ने मैंनूं नशा नाम दा चढ़ेया नी सुनाकर अभी को नाचने पर मजबूर कर दिया।

इस अवसर पर सविता मंट्टू, शिव सूद, आशु शर्मा, अनिल मित्तल, रघुवीर बंटी, दीपक शारदा, रोहित राधे, वरुण मल्होत्रा, रोहित, नितिन गुप्ता, राकेश सुरी, राकेश डोगरा, राहुल शर्मा, दीपक अरोड़ा, यशपाल शर्मा, बिंदू सूद, पूजा वशिष्ट, कविता परमार, बॉबी सूद आदि उपस्थित थे।


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