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नई वार्ड बंदी से बदला राजनीतिक समीकरण

लोकेश चौबे, होशियारपुर निगम का दर्जा मिलने के बाद पहली बार निगम चुनाव करवाने की कसरत शुरू हो गई ह

By Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 06:57 PM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 06:57 PM (IST)
नई वार्ड बंदी से बदला राजनीतिक समीकरण

लोकेश चौबे, होशियारपुर

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निगम का दर्जा मिलने के बाद पहली बार निगम चुनाव करवाने की कसरत शुरू हो गई है। नए बने नगर निगम की वार्डबंदी संबंधी सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।

वार्डबंदी को लेकर हालांकि 29 अक्टूबर तक एतराज मांगे गए हैं, संभव है कुछ उलटफेर भी हो सकते हैं।

हैरानी की बात तो यह है कि नई वार्डबंदी के लिए बनाई गई कमेटी में भाजपा, अकाली व कांग्रेस तीनों के प्रतिनिधि थे, लेकिन उसके बावजूद वार्डो को लेकर सभी राजनीतिक दल कशमकश में हैं। वार्डबंदी ने एक नया बवाल जरूर खड़ा कर दिया है। आखिर चुनाव को लेकर राजनीतिक दल क्या रणनीति बनाएंगे, क्योंकि इस वार्डबंदी ने बड़े-बड़े दिग्गजों के वार्डो को हिला कर रख दिया है। उनके लिए भी समस्या है कि वे इस वार्ड से किसको खड़ा करें और खुद कहां से खड़े हों। नोटिफिकेशन के अनुसार निगम के 50 वार्डो में से 23 जनरल, 13 एससी, 2 बीसी के लिए तथा 12 महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं।

इस बार चुनाव में दिलचस्प होने के आसार हैं, क्योंकि होशियारपुर निगम पर भाजपा मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी मानती है वहीं भाजपा इस बार पहले के मुकाबले अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की भी जुगत लड़ा रही है।

अगर फाइनल वार्डबंदी इसी तरह रही तो कई दिग्गजों के अरमान धरे रह जाएंगे। कई टिकट के दावेदारों ने तो तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन इस वार्ड बंदी को लेकर राजनीतिक दलों में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। वहीं कई नए चेहरे इस वार्ड बंदी को लेकर खुश भी है और वह अपनी जुगत लड़ाने के चक्कर में हैं। नई वार्डबंदी के बाद के दिग्गज चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे व नए वार्ड में चुनाव लड़ने को मजबूर होंगे। उल्लेखनीय है कि 2011 की जनगणना के आधार पर वार्डबंदी की गई है। निगम बनने के बाद शहर की हद नहीं बढ़ सकी क्योंकि आसपास की पंचायतों इस के लिए राजी नहीं हुई। इस लिए पुराने 31 वार्डो को ही 50 कर दिया गया है। नई वार्डबंदी के मुताबिक वार्ड नंबर 1,4,7,13,19,28,31,34,37,40,43 व 46 पर जनरल महिलाओं के लिए, वार्ड नंबर 24 व 26 पिछड़ी श्रेणियों के लिए, वार्ड नंबर 10,16,22,25 व 49 एससी महिलाएं के लिए, वार्ड नंबर 9,15,17,18,20,30,48 व 50 एससी पुरुषों के लिए व बाकी के वार्ड जनरल पुरुषों के लिए आरक्षित किए गए हैं।

गौरतलब है कि नगर कौंसिल के होते हुए शहर के 31 वार्ड थे, जिनमें से पिछली चुनाव के दौरान 9 अकाली दल, 11 पर भाजपा व 7 पर कांग्रेस विजय रही है। 4 सीटों आजाद उम्मीदवारों ने जीती है।

भाजपा 21 व अकाली 12 पर लड़ेगी चुनाव : सूद

फोटो-02 में है।

जिला भाजपा अध्यक्ष शिव सूद का कहना है कि अकाली-भाजपा गठबंधन में चुनाव लड़ता है। पिछले चुनावों में भाजपा 21 व अकाली 12 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इस बार हाईकमान के फैसले अनुसार ही सीटों का वितरण होगा। सीटों घटेंगी तो नहीं बढ़ जरुर सकती है। 29 अक्टूबर तक एतराज मांगे गए है और हम भी एतराज जरुर दाखिल करेंगे। अभी तो यह ड्राफ्ट नोटिफिकेशन है। उनका खुद का वार्ड महिला आरक्षित कर दिया गया है और भी कई पूर्व पार्षदों के वार्डो में ऐसा हुआ है। महिला पार्षदों के वार्ड जरनल व पुरुषों के वार्ड को महिला वार्ड बना दिया गया और भी कई ऐसे पेंच हैं। पार्टी बैठक कर उस पर चर्चा करेगी और अपने एतराज दाखिल करेगी।

पूरे शहर की वार्डबंदी गलत हुई : विधायक

फोटो- 01 में है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा कि पूरे शहर की वार्ड बंदी गलत की गई है। वार्डो को बड़े अजीब तरीके से बनाया गया है और लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि उनके वार्ड को किस हिसाब से जोड़ा गया है। दरअसल सरकार नहीं चाहती की अभी नगर निगम के चुनाव करवाएं जाएं और वह चुनाव अगले साल तक चुनाव टालना चाहती है। जहां तक जिला कांग्रेस की बात है तो हम इस वार्ड बंदी पर अपने एतराज जरूर दाखिल करेंगे।


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