समस्याओं का दूसरा नाम मिनी सचिवालय
रजनीश गुलियानी, होशियारपुर
लोगों की सुविधा के लिए बना मिनी सचिवालय अव्यवस्था का शिकार हो कर रह गया है। पार्किग के लिए बने स्थान पर वाहन बेतरतीब खडे़ रहते हैं। यहां कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं है, जो वाहनों की देखरेख कर सके। कायदे से यहां वही वाहन खडे़ किए जा सकते हैं, जिनके चालकों को विभागों द्वारा कार्ड जारी किए गए हों, लेकिन यहां आम लोग अपने प्राइवेट वाहन भी खडे़ करने से संकोच नहीं करते। आम रास्ता नहीं है संबंधी बोर्ड वाली जगह पर भी वाहन खड़े आम देखे जा सकते हैं।
विकलांगों के लिए लगी लिफ्ट का दरवाजा कभी लगता है खुलता ही नहीं। इसके इलावा मिनी सचिवालय की पीछे की तरफ से चारदीवारी न होने के कारण बहा से लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इससे सुरक्षा वयवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लग जाता है। यहां उगी जंगली बूटी भी कई समस्याओं को जन्म देती है। इसमें जहरीले जीव-जंतु ही नहीं, कोई संदिग्ध व्यक्ति भी इस में छुपकर बैठ सकता है। जेनरेटर सैट के पास गंदगी का साम्राज्य है। खास बात यह भी है कि इसी रास्ते से होकर ंवीआईपी गाड़िया आगे जाती हैं। मिनी सचिवालय में जो आग बुझाने वाले यंत्रों पर गैस भरे जाने संबंधी ब्योरा नहीं है। सीढि़यों में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। जगह-जगह जाले लगे हुए है तो कई जगह पर बीड़ियों के टुकडे़ पड़े हुए हैं। डीसी वरुण रुज्म ने कहा कि सभी खामियों को फौरी तौर पर दूर करने की हिदायत दी जाएगी।
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