जीआरपी 18--मुस्लिम बच्चों में पवित्र कुरान पढ़ने का रुझान बढ़ा
संवाद सहयोगी, कादियां(गुरदासपुर)
कुरान शरीफ पढ़ कर नोबल पुरस्कार हासिल करने की राह हासिल होगी। ऐसी मान्यता अहमदिया मुसलमानों की है। इसी मान्यता के चलते मुस्लिम बच्चों में पवित्र कुरान पढ़ने का रुझान बढ़ा है।
मुस्लिम जगत के पहले वैज्ञानिक डाक्टर अब्दुल सलाम जिनका संबंध अहमदिया जमात से था, ने 1979 में नोबल पुरस्कार जीता था। जब उन्हें सम्मानित किया जा रहा था तो उन्होंने बताया था कि वह पवित्र कुरान को बड़े ही ध्यान से पढ़ते हैं। उन्हें कुरान से ही एटम के बारे में ज्ञान मिला था। इसी पर उन्होंने काम किया और उनके काम तो देखते हुए नोबल पुरस्कार दिया गया। इन दिनों जमात के लोग अपने बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ पवित्र कुरान की शिक्षा दे रहे हैं। कस्बे के अहमदिया मोहल्ला में रहते अब्दुल समद कासिद की आयु दस साल है, ने पवित्र कुरान की पढ़ाई पूरी कर ली है। बताया गया है कि जो बच्चे साइंस व मेडिकल विषय रखते हैं उनमें कुरान शरीफ की शिक्षा हासिल करने की ज्यादा दिलचस्पी पाई जाती है। अब्दुल समद के दादा खुर्शीद अहमद दरवेश जोकि 93 वर्षीय के हैं ने बताया कि अहमदिया मुस्लिम जमात भारत के पूर्व प्रधान डाक्टर सालेह मोहम्मद अलादीन जोकि उसमानिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक थे, उन्होंने पूरी कुरान जुबानी याद कर ली थी। कुरान की शिक्षाओं से उन्होंने कई खोज की व पुरस्कार हासिल किए। मौलाना नजीब उलाह ने बताया कि वह बच्चों को बिना कोई फीस लिए मुफ्त में कुरान पढ़ा रहे हैं।
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