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साइकिल पर सफर कर दे रहे शहीदों को श्रद्वांजलि

दीपक दसन, गुरदासपुर भारतीय फौज शूरवीरता व देश भक्ति का दूसरा नाम है। अधिकारी से लेकर प्रत्येक जवान

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 01:10 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 01:10 AM (IST)
साइकिल पर सफर कर दे रहे शहीदों को श्रद्वांजलि
साइकिल पर सफर कर दे रहे शहीदों को श्रद्वांजलि

दीपक दसन, गुरदासपुर

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भारतीय फौज शूरवीरता व देश भक्ति का दूसरा नाम है। अधिकारी से लेकर प्रत्येक जवान देश के लिए कुर्बान होने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। जहां ये फौजी नौकरी के दौरान देश सेवा को अपना धर्म समझते है, वहीं सेवा मुक्त होने के बाद भी अपनी शेष ¨जदगी को देश को समर्पित करने के लिए कुछ न कुछ प्रयास करते रहते है। रिटायर्ड मेजर जनरल सोमनाथ झा भी ऐसे फौजी अधिकारी है, जिन्होंने रिटायर्ड होने के बाद पूरे देश का साइकिल से चक्कर लगा कर देश के लिए कुर्बान होने वाले शहीदों को श्रद्धाजंलि भेंट करने का अपना लक्ष्य निश्चित किया हुआ है।

मेजर जनरल सोमनाथ झा 30 सितंबर 2016 को अपने पद से सेवा मुक्त हुए थे। 19 अक्टूबर से वे साइकिल पर देश के विभिन्न राज्यों में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धाजंलि देने के लिए साइकिल यात्रा शुरू कर चुके हैं। 28 मार्च को रिटायर्ड मेजर सोमनाथ झा गुरदासपुर स्थित तिब्बड़ी कैंट में पहुंचेंगे। तिब्बड़ी कैंट पहुंचने पर रिटायर्ड मेजर जनरल का 86 बिग्रेड की ओर से सम्मान किया जाएगा।

29 राज्यों में जाकर देंगे शहीदों को श्रद्धाजंलि

रिटायर्ड मेजर जनरल देश के 29 राज्यों में साइकिल पर यात्रा कर शहीदों को श्रद्वांजलि देंगे। सेवा मुक्ति के मात्र 19 दिनों के बाद ही उन्होंने अपने सफर का शुभारंभ कर दिया। 19 अक्तूबर 2016 से शुरु किए अपने इस सफर के दौरान मेजर जनरल सोमनाथ झा अब तक 25 राज्यों से गुजरते हुए लगभग 9000 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर चुके हैं। उनका मकसद आजादी से लेकर अब तक शहीद हुए करीब 21000 शहीदों को साईकिल चला कर उन्हें श्रद्धाजंलि भेंट करना है। उनका कुल सफर लगभग 12000 किलोमीटर का है।

19 अप्रैल को खत्म करेंगे अपना सफर

रिटा. जनरल झा 19 अप्रैल को देश के 29 राज्यों से गुजरते हुए दिल्ली स्थित अमर ज्योति जवान में शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट कर अपने सफर को समाप्त करेंगे। उनका मकसद है कि देश के लिए शहीदी देने वाले जवान देश के हर कोने से आते है, इसलिए प्रत्येक कोने में जाकर शहीदों के लिए श्रद्धाजंलि भेंट करना है। उनका यह सफर निजी श्रद्वांजलि सफर है। रास्ते में मिलने वाला प्रत्येक व्यक्ति उनका जज्बा देख कर हैरान रह जाता है। उनके इस जज्बे व साहस की जय ¨हद सेवा क्लब गुरदासपुर ने सराहना की है।


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