अधिकारियों से है यारी तो पहले आएगी बारी
सुनील थानेवालिया गुरदासपुर। नोटबंदी के बाद बैंकों में लगी उपभोक्ताओं की लाइन लगातार लंबी होती जा र
सुनील थानेवालिया गुरदासपुर।
नोटबंदी के बाद बैंकों में लगी उपभोक्ताओं की लाइन लगातार लंबी होती जा रही है, जिसका मुख्य कारण बैंक अधिकारियों द्वारा उपभोक्ताओं को सरकार व आरबीआई द्वारा निधार्रित की गई सीमा के मुताबिक भी कैश मुहैया नहीं करवाना है।
करीब एक माह बीतने के बावजूद जिले में 10 फीसदी एटीएम मशीनें भी काम नहीं कर रही है। पूरा कैश न मिलने के कारण लोग बार-बार लाइनों में लग रहे है, जिससे बैंकों में भीड़ बढ़ती है, जबकि बैंक अधिकारियों के चहेतों को कई परेशानी नहीं है। उन्हें न तो लाइन में लगना पड़ता है और न ही बैंक अधिकारियों द्वारा उन्हें पैसे देने में कोई आना-कानी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार बैंक अधिकारी अपने चहेतों को बिना कोई कट लगाए सरकारी हिदायतों के मुताबिक पूरी राशि उपलब्ध करवा रहे हैं, उन्हें लाईनों में भी खड़े नहीं रहना पड़ता है। बैंक अधिकारी चहेतों से चेक लेकर उन्हें भेज देते है और बाद में भीड़ कम होने पर उन्हें पूरी राशि उपलब्ध करवा दी जाती है। बैंक में अस्थाई तौर पर काम करने वाले एजेंटों ने इसे अपना धंधा बना लिया है। यह एजेंट लोगों से कुछ पैसे लेकर उनसे चेक लेकर जाते है और पैसे निकालने के बाद उनके घर या कायार्लय में आकर पैसे देकर जाते है।
गौरतलब है कि आठ नवंबर से केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के बाद से शुरू हुई लोगों की परेशानी सरकार व आरबीआई के तमाम दावों के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहा लोगों के लिए बैंकों के बाहर लाइनों में खड़े रहने के एक नया काम शुरू हो गया है, वहीं बैंक अधिकारियों व उनके एजेंटों को जनता को लूटने का नया साधन मिल गया है, जिसके चलते हालात बद से बदतर होते जा रहे है। सोमवार को मात्र एक दिन की छुट्टी के बाद बैंकों के आगे लगी लाइनों की लंबाई करीब आधा किलोमीटर लंबी नजर आई।
महिलाओं की लाइनें भी हो रही लंबी
शुरूआती दौर में बैंकों में महिलाओं की संख्या कम होने के कारण उन्हें जल्द पैसे मिल जाते थे, जिसके चलते अधिकतर लोगों ने महिलाओं को घरों का कामकाज छोड़ लाइनों में लगाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे हालात ऐसे बन गए हैं कि महिलाओं की लाईनें पुरूषों से भी लंबी होती जा रही है, जिसके चलते घरों में काम और बच्चों को छोड़ महिलाएं घटों लंबी लाइनों में खड़ी रहती है।
पुलिस भी लाइन में
कुछ दिन पहले तक बैंकों के बाहर भीड़ को कंट्रोल करने वाले पुलिस विभाग के कमर्चारी भी अब लाइनों में खड़े नजर आने लगे है। पुलिस विभाग के खाते एचडीएफसी बैंक में होने के कारण सोमवार को पुलिस कमर्चारियों की लंबी लाईनें देखी गई, लेकिन घटों लाईनों में खड़े रहने के बावजूद उन्हें भी दिन में मात्र दस हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं, जिसके चलते पुलिस कमर्चारियों को अपना वेतन निकालने के लिए सप्ताह में दो से तीन दिन में लाइनों में खड़े रहना पड़ रहा है।
कैश कम मिलने के कारण लगाया जा रहा है कट : पीएनबी मैनेजर
पीएनबी बैंक गुरदासपुर के मैनेजर अनिल कौशिक का कहना है कि उन्हें जिस हिसाब से पैसे मिलते है, वह उसी हिसाब से उपभोक्ताओं को बाट रहे है। कट संबंधी उनका कहना है कि कैश कम मिलने के चलते कट लगाया जा रहा है, ताकि सभी लोगों को कुछ न कुछ कैश मिल सके।