लापरवाही की भेंट चढ़ा हजारों टन गेहूं
बलकार अत्तरी, गुरदासपुर किसानों द्वारा मिट्टी के साथ मिट्टी होकर पैदा किया गया गेहूं अब मंडी में फ
बलकार अत्तरी, गुरदासपुर
किसानों द्वारा मिट्टी के साथ मिट्टी होकर पैदा किया गया गेहूं अब मंडी में फूड सप्लाई विभाग की लापरवाही के कारण गल सड़ रहा है और यह सड़ा हुआ गेहूं किसी मनुष्य के मुंह का निवाला बनने की बजाए अब जानवरों के खाने के काम आएगा। लापरवाही के चलते गुरदासपुर अनाज मंडी में रखा हजारों टन गेहूं बारिश में नष्ट होकर कचरे का रूप धारण कर रहा है। जिस तरह यह गेहूं दो तीन बारिशों में पूरी तरह भीग चुका है उस से इतना स्पष्ट नजर आ रहा है कि यह गेहूं अब इंसानों के खाने लायक नहीं रहा।
गलने सड़ने से फैल रहीं गेहूं में बदबू
खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं की हजारों बोरियां प्रशासनिक अव्यवस्था के चलते गलने सड़ने की प्रक्रिया से गुजरने लगी है। तीन बारिशें झेलने के बाद अब बोरिया तक भी सड़ रही है तथा उनमें से गेहूं बाहर आ कर जमीन पर बिखर रहा है। जिस कारण आसपास बदबू का वातावरण पैदा हो रहा है। गेहूं की इस दयनीय हालत को देखकर मंडी में मौजूद किसान किशन सिंह की आखों से आंसू छलक पड़े।
करोड़ों के नुकसान का कौन जिम्मेवार।
अब प्रश्न यह पैदा हो गया है कि विभाग की लापरवाही के कारण सड़ रहें गेहूं के कारण होने वाले करोड़ों रूपए के नुकसान का जिम्मेवार कौन है। हर वर्ष करोड़ों का गेहूं इसी तरह से बर्बाद होता है और विभाग अपनी खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लेता है।
नहीं जागा प्रशासन
दैनिक जागरण द्वारा खुले में गेहूं का खुले में भंडारण करने के बारे में कई बार समाचार प्रकाशित किए गए थे इसके अलावा गेहूं को तिरपालों से न ढकने के भी लगातार समाचार प्रकाशित किए थे, परंतु प्रशासन ने इस सब के बाबजूद भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
संभालने का प्रयास कर रहा है प्रशासन : रमण कुमार
इस संबंध में फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर रमण कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यह नुकसान गत दिन आई बारिश तथा अंधेरी के कारण हुआ है। अंधेरी के कारण उनकी तिरपालें भी फट गई है। विभाग द्वारा गेहूं को संभालने के पूरे प्रयास किए जा रहे है।