Move to Jagran APP

भाजपा में दरार, दो महासचिव शिअद में गए

राकेश रेखी, बटाला फतेहगढ़ चूडि़या में भाजपा को उसके सहयोगी दल शिअद ने करारा झटका दिया है। भाजपा म

By Edited By: Published: Fri, 27 Nov 2015 08:13 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2015 08:13 PM (IST)
भाजपा में दरार, दो महासचिव शिअद में गए

राकेश रेखी, बटाला

loksabha election banner

फतेहगढ़ चूडि़या में भाजपा को उसके सहयोगी दल शिअद ने करारा झटका दिया है। भाजपा मंडल फतेहगढ़ चूडि़या के दो महासचिव और एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने भाजपा को अलविदा कह कर अकाली दल का दामन थाम लिया। वीरवार को फतेहगढ़ चूडि़या में विधानसभा के पूर्व स्पीकर निर्मल सिंह काहलों के बेटे पंजाब टयूबवेल कार्पोरेशन के चेयरमैन रविकरण सिंह काहलों की मौजूदगी में मंडल भाजपा के महासचिव रहे लखविंदर राजपूत व नरिदर बधवार और वरिष्ठ कार्यकर्ता विजय महाजन ने भाजपा से त्यागपत्र देकर अकाली दल में शामिल होने की घोषणा की। काहलों ने भी तीनों को बगल में बिठा कर सिरोपे पहनाए और पार्टी में उनका स्वागत किया। भाजपा छोड़ने वाले तीनों नेताओं ने मंडल भाजपा प्रधान और जिला भाजपा प्रधान की नीतियों को पार्टी छोड़ने का कारण बताया है। दूसरी तरफ भाजपा नेतृत्व ने साफ किया है, कि दोनों महासचिवों को पहले ही उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था और विजय महाजन को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। विजय महाजन फतेहगढ़ चूडि़या मंडल भाजपा प्रधान पद के दावेदार रहे हैं। उन्होने प्रधान पद का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन सफल नहीं हो पाए। नगर परिषद चुनावों के दौरान पार्टी टिकट नहीं मिलने के कारण नरिदर बधवार ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। काफी समय से फतेहगढ़ चूडि़या भाजपा में आपसी धड़ेबंदी के कारण पार्टी की फजीहत हो रही है। भाजपा की इस धड़ेबंदी का सीधा फायदा अकाली उठा रहे हैं। इसकी ताजा मिसाल यह है कि सदा से भाजपा की रही नगर परिषद पर इस बार अकाली काबिज हो गए है।

उपेक्षा के कारण छोड़ी भाजपा

बात करने पर लखविंदर राजपूत ने कहा, कि वह 35 सालों तक भाजपा से जुडे़ रहे, 9 साल तक मंडल युवा मोर्चा के प्रधान रहे और मंडल के महासचिव रहे। उन्होंने पार्टी को दिया ही है, लिया कुछ नहीं। मंडल प्रधान विपिन अरोड़ा की नीतियों के कारण ही उन्होंने पार्टी छोड़ी है। मंडल प्रधान अपनी जिम्मेदारियो को समझ नहीं रहे। जिला भाजपा प्रधान सुरेश भाटिया भी पार्टी को संभालने में असफल साबित हो रहे है। नगर परिषद की 13 सीटों पर पहले भाजपा 7 और अकाली 6 पर चुनाव लड़ते रहे है और परिषद भाजपा की बनती रही है। इस बार भाजपा ने केवल 4 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें पार्टी 2 सीटे ही जीत पाई। फतेहगढ़ चूडि़या में भाजपा नीचे की ओर जा रही है। उनके अलावा डेढ सौ परिवार भी भाजपा छोड़ कर अकाली दल में चले गए है। विजय महाजन ने बताया कि फतेहगढ़ चूडि़या में जिन के हाथों में भाजपा सौंपी गई है, वह सौ वोट भी नहीं ले सकते। मंडल प्रधान बनाए गए विपिन अरोड़ा काग्रेस बैक ग्राउड के है। पार्टी में उनकी और अन्य सीनियर कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा की जा रही है। इसके लिए मजबूर होकर उन्हे पार्टी छोड़नी पड़ी।

पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निकाले : विपिन अरोड़ा

फतेहगढ़ चूडि़या मंडल प्रधान विपिन अरोड़ा ने कहा, कि लखविंदर राजपूत और नरिदर बधवार मंडल महासचिव नहीं है। परिषद चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण दोनों को उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था और विजय महाजन को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। नरिंदर बधवार ने पार्टी लाईन से बाहर जाते हुए नगर परिषद के चुनावों में बागी हो कर चुनाव लड़ा था। उनके जाने से पार्टी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.