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गुरदासपुर व पठानकोट में 190 गाव बाढ़ प्रभावित घोषित

सुनील थानेवालिया/प्रदीप लूथरा, गुरदासपुर/बटाला जिला प्रशासन की ओर से मानसून के सीजन के चलते जिला ग

By Edited By: Published: Fri, 03 Jul 2015 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2015 08:26 PM (IST)
गुरदासपुर व पठानकोट में 190 गाव बाढ़ प्रभावित घोषित

सुनील थानेवालिया/प्रदीप लूथरा, गुरदासपुर/बटाला

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जिला प्रशासन की ओर से मानसून के सीजन के चलते जिला गुरदासपुर तथा पठानकोट में 190 गावों को बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील घोषित किया गया है। इनमें से 131 गाव जिला गुरदासपुर तथा 59 गाव पठानकोट जिले में पड़ते हैं। संभावित बाढ़ से बचने के लिए दोनों जिला प्रशासनो ने व्यापक प्रबंध करने का दावा किया है।

जिला गुरदासपुर में ब्यास नदी के किनारे पर फत्तु बर्कतां, नूना, बुड्ढा बाला, फूलड़ा, मुनन, मीलपुर, रामवाल, सिदपुर, हबीपुर, बयानपुर, गुलेरिया, पक्खोवाल, नडियाला, चेचिया, रसूलपुर, टाडा, जगतपुर, दायूवाल, पुराना शाला, सैदोवाल, गुन्नोपुर, जागोवाल, मीलवा, बुऐवाल, भैणी पसवाल, किशनुपर, भूरिया गुजरा, भूरिया सैनिया, चक्क शीरफ, झडे, कोटली हरचंदा, बागड़िश, ऐमा, मुलावाल, पस्सवाल, गौरसिया तथा औलख बेरी शामिल हैं, जबकि बटाला उपमंडल मे ब्यास नदी पर कीडी, कीड़ी नीवीं, भेंट, माड़ी पनवा, बलड़वाल, कपूरा, बाघा, बुलपुर, संतोष नगर, खोखर, राड़ा, फत्ता कुलिया, गंधवाल , रामपुर तलवाड़ा, समराय कागडा तथा माड़ी बुच्चिया शामिल हैं।

इसी तरह रावी नदी पर गुरदासपुर उपमंडल के गाव तारपुर, टाडा, ओगरा, मराडा़, कान्हा, बजीरपुर पत्तन, झबकरा, झडे चक्क, ठाकुरपुर, संगलपुर, मैनी, चक्करी, चौतड़ा, शमशेरपुर, जाफलपुर, तरूंडी, नौशहरा, फरीदपुर, मिर्जापुर, कबीरपुर, दोरागला, थमन, कादिया, नंगल डाले, दुबरी, बऊपुर, कालूपुर, अली नंगल, लोले नंगल, चौड़ा, अलोन, सोहा, मलमाउन,कुकरशोड़, गादड़िश, दोस्तपुर, शाहपुर कला, चंदु वडाला, दीदवाल, चंदुनंगल, रोसे,पकीवा,भगताना तुलिया,मीरकचाना, गाजीचक्क, बतरा, बहलोलपुर, शेरपुर, मंसूर, आलेचक्क तथा कोटली शामिल है।

डेरा बाबा नानक में रावी नदी पर कोटली दया राम, पक्खो के, डेरा बाबा नानक, खासावाली, जौड़िया खुर्द, गोला ढोला, ठेठर के, घनिया, गूनिया, धर्मपुर सिंघोपुर, रोड़ावाली, बल, खदर, घोनेवाल, जौड़िया कला, मोहल नंगल, किलावाल, शाहपुर, धर्मकोट, आदिया, शाहपुर, वडाला, कमालपुर चट्टा, बोहड वडाला तथा बरीलर खुर्द शामिल हैं।

पठानकोट जिला में रावी नदी के किनारे पर समराला, अनियाल, बमियाल, जैपुर, पहाड़ीपुर, मखनपुर, ताश, भरियाल, कजले, शेरपुर चुनी, कीडी कला, धुपसड़ी, जस्सवा, सहोड़ा, गोल दतियाल,चंडीगढ, कथलौर,गच्चुजागीर, शैला सियोड़ा, चक्क राम साये, गच्चु खालसा, तारागढ़, बकनौर, मुठी, रामकेलवा, नारायणपुर, नंगलभूर आबादगढ़, समराला, मनवाल, भकरी तथा सैली कलिया शामिल है।

इसके अलावा पठानकोट में चक्की तथा उच्च सैली कुलिया,नंगलभूर, छन्नी बेली, आबादगढ़, बेरी बजुर्ग, चौहान, मिर्जापुर, भदराली, बासरपुर, चंदपुर, शेरपुर, कीडी खुर्द, लहर मनन, कीड़ी खुर्द, मेरोकला, नरोट, जसवा, जैनियाल, बकरी, समराल, चक्क अमीर, बीओपी ताश, सिंबल, लस्सिया तथा सरोता बरोता शामिल है।

मानसून के दिनों में किसी भी संभावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए जिला गुरदासपुर के बटाला, डेरा बाबा नानक तथा गुरदासपुर उपमंडलों तथा पठानकोट के पठानकोट तथा धार में उपमंडल स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। इसे वायरलैस, टेलीफोन तथा मोबाइलों से जोड़ा गया है और यह कंट्रोल रूम 30 सितंबर तक 24 घटे काम करेंगे। इनकी निगरानी उप मंडल अधिकारी करेंगे।

गौरतलब है कि जिला गुरदासपुर तथा पठानकोट में दो प्रमुख नदिया रावी और ब्यास पड़ती है जिन के अलावा कुछ सहायक नदिया तथा बरसाती नाले पड़ते है और मानसून के दिनों मे इन का जलस्तर बढ़ने के कारण अकसर ही बाढ़ आ जाती है। इससे निपटने के लिए जिला प्रशासनों की ओर से प्रत्येक वर्ष व्यापक प्रबंध किए जाते है। बाढ़ नियंत्रण कायरें के मुताबिक संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए कुल 32 रिलीफ शिविर स्थापित किये गए हैं।

गुरदासपुर के डीसी डॉ. अभिनव त्रिखा ने बताया कि उपमंडल स्तरीय पर स्थापित किए गए कंट्रोल रूम मे उचित मात्रा में किश्तियां, लाइफ जैकटे, चप्पू तथा टेंट भेजे गए हैं, जबकि उचित स्थानों पर मोटर बोट तथा चालक तैनात किए गए हैं। गुरदासपुर में 5, बटाला में 3 तथा डेरा बाबा नानक में 2 नाव चालक तैनात किए गए हैं। पठानकोट में 3 नाव चालक तैनात किए गए हैं।

सिंचाई विभाग तथा ड्रेनेज विभाग रावी नदी में पानी के बहाव की जानकारी माधोपुर हेडव‌र्क्स तथा ब्यास नदी की जानकारी गोपीपुर तथा मीरथल से प्राप्त करेंगे। बाढ़ की किसी भी संभावित स्थिति में जिला खाद्य व वितरक नियंत्रण को उचित मात्रा में खाद्य पदार्थ का स्टाक रखने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा पावरकाम के अधीक्षण अभियंता को बिजली के उचित प्रबंध करने के आदेश दिए गए है।

जिला के सिविल सर्जन को अस्पतालों तथा प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में जरूरी दवाईयां तथा स्टाफ को हाजिर रहने के आदेश दिए है।


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