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हटने का नाम नहीं ले रहा बांध निर्माण का रोड़ा

कमल कृष्ण हैप्पी, जुगियाल (पठानकोट) बहुउद्देशीय रणजीत सागर बांध परियोजना की महत्वाकांक्षी दूसरी इ

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 08:41 PM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 08:41 PM (IST)
हटने का नाम नहीं ले रहा बांध निर्माण का रोड़ा

कमल कृष्ण हैप्पी, जुगियाल (पठानकोट)

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बहुउद्देशीय रणजीत सागर बांध परियोजना की महत्वाकांक्षी दूसरी इकाई शाहपुर कंडी बांध के निर्माण कार्य में आ रही मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं। शाहपुर कंडी बांध का निर्माण कार्य का एक बड़े हिस्से का काम जो सोमा इंटरप्राइजेज का है वह एक सिंतबर 2014 से बंद पड़ा है, जिस कारण कार्य समय से पूरा होने में संदेह जताया जा रहा है। फिलहाल बांध परियोजना ने अपने हिस्से की जमीन पर नहरों की खुदाई का काम तेजी से कर इस का अस्थायी हल निकालते हुए निर्माण कार्य जारी रखा है।

खर्च बढ़ने पर राज्य सरकार ने चार चरणों में बंटा निर्माण कार्य

गौरतलब है कि 600 मेगावाट क्षमता वाले रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी 206 मेगावाट शाहपुर कंडी परियोजना का 20 अप्रैल 1985 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहा राव ने नींव पत्थर रखा था। उस समय इस का निर्माण मूल्य 126 करोड़ आंका गया। वर्ष 2001 मे इस की अनुमानित राशी 2500 करोड़ तक पहुंच गई जिस को देखते हुए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने बांध निर्माण कार्य चार चरण में ठेके पर करवाने का फैसला किया। बांध के मुख्य हिस्से का निर्माण कार्य 687 करोड़ में सोमा इंटरप्राइजेज, दूसरे हिस्से में नहर की खुदाई का काम 90 करोड़ की लागत से गुरिन्द्र एंड कंपनी, तीसरे हिस्से का पावर हाउस के निर्माण का ठेका अभी बकाया है, जबकि चौथे हिस्से के पावर हाउस मे बिजली उपकरण लगाने का ठेका 385 करोड़ में भारत हैवी इलेक्ट्रीकल लिमटिड को दे रखा है। इन कंपनियों के आते ही बांध कर्मचारियों ने काफी विरोध किया पर पंजाब सरकार ने बांध कर्मचारियों के उपर दवाब बना कर इस का निर्माण कार्य 13 मार्च 2013 को पुलिस की कड़ी सुरक्षा मे शुरू करवा दिया।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपना कड़ा रुख

पड़ोसी राज्य जम्मू कश्मीर के अड़ियल रवैये से जम्मू कश्मीर की धरती पर होने वाला कार्य बंद पड़ा है। जिस पर पड़ोसी राज्य 1979 के समझौते के अनुसार पंजाब से लगभग 7000 करोड़ के रुपये की मांग कर रहा है। पंजाब और जम्मू कश्मीर के दोनों राज्यों के सिचाई विभागों के मुख्य अभियंता, सचिव सिंचाई विभाग और इस के इलावा सरकारी उच्च अधिकारियों के बीच चार बैठकें हो चूकी है। लेकिन इसका अभी तक कोई स्थाई हल नही ंनिकल पाया।

उम्मीद है जल्द दूर होगी मुश्किल

इस संबंध में मुख्य अभियंता शाहपुर कंडी बांध सरदार हरविंदर सिंह ने बताया कि दोनों राज्यों के अधिकारियों मे बैठकें बहुत ही प्रभावशाली रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही आपस में जो मसला है सरकार की दखलअंदाजी से हल हो जाएगा।


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