नशा : देश के लिए गंभीर चुनौती
संवाद सहयोगी, बटाला आरआर बावा डीएवी कॉलेज फार गर्ल्स के ज्योलॉजिकल विभाग के तत्वाधान में यूजीसी
संवाद सहयोगी, बटाला
आरआर बावा डीएवी कॉलेज फार गर्ल्स के ज्योलॉजिकल विभाग के तत्वाधान में यूजीसी के सौजन्य से नशा, उसके कारण, प्रभाव तथा निदान विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में डीएवी कॉलेज प्रबंधक समिति के सचिव बाल किशन मितल मुख्य अतिथि थे। जब कि बटाला के तहसीलदार अरविंदर पाल सिंह तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के मनो विज्ञान विभाग के डा. एनएस तुंग विशेष अतिथि थे। कालेज की प्रिंसिपल डा. अजय सरीन के नेतृत्व में आयोजित सेमिनार में विभिन्न प्रातों से विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से 89 विद्वानों ने हिस्सा लिया।
तहसीलदार अरविंदर पाल सिंह ने कहा कि समाज में नशा बढ़ रहा है, जिस से अनेक लोग मर रहे है। ऐसे में सरकार के साथ गैर सरकारी संगठनो को भी नशे की बीमारी पर काबू पाने के आगे आना चाहिए।
मुख्य अतिथि बाल किशन मित्तल ने कहा कि नशा भारतीय युवाओं को बर्बाद करता चला जा रहा है यदि इस पर तुरत काबू न किया गया तो नशा देश के लिए गंभीर चुनौती बन जाएगी। अभिभावकों के साथ अध्यापक वर्ग का फर्ज बनता है कि इस चुनौती को गंभीरता से स्वीकार कर नशे के निदान के लिए आगे आएं।
डा. एनएस तुंग ने कहा कि नशा एक बहुआयामी समस्या है और नशे के प्रति बढ़ती रुचि के अनेक कारण है जिन में जैविक, सामाजिक तथा आर्थिक मुख्य हैं।
डा. तुग ने कहा कि सामाजिक स्थिति में माता-पिता अपने बच्चों के प्रति जिम्मेदारी भूल गए हैं। किशोर अवस्था में बच्चो को माता-पिता, शिक्षकों तथा अन्य अनुभवों लोगों की सलाह की आवश्कता होती है किंतु वे इसमें पिछड़ जाते हैं और बच्चे हताश हो कर नशा के प्रति लग जाते हैं।
सेमिनार में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. के शर्मा, नशामुक्ति केंद्र के प्रभारी डा. बरिदर सिंह, निष्ठा मेहरा, सायमा हफीज, डा. कुसुम, सानिया आरोड़, डा रजनी बाला, राधिका शर्मा तथा मनदीप ने भी सेमिनार को संबोधित किया।