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डॉक्टर दंपति की तमन्ना, खिली रहे सबकी बत्तीसी

राज चौधरी, पठानकोट छोटी सी उम्र में डेंटल इंप्लांटोलॉजी में जिला पठानकोट सहित हिमाचल प्रदेश में ह

By Edited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 02:07 AM (IST)Updated: Wed, 01 Oct 2014 02:07 AM (IST)
डॉक्टर दंपति की तमन्ना, खिली रहे सबकी बत्तीसी

राज चौधरी, पठानकोट

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छोटी सी उम्र में डेंटल इंप्लांटोलॉजी में जिला पठानकोट सहित हिमाचल प्रदेश में हजारों जटिल मामलों में सफल डॉक्टर राघव वर्मा के पीछे उनकी मां सुदर्शना वर्मा की कड़ी मेहनत रही है। गृहिणी श्रीमती सुदर्शना वर्मा ने बचपन से ही राघव को इस बात के लिए तैयार कर दिया था कि उन्हें बड़ा होकर एक सफल डॉक्टर बनें और समाजसेवा में योगदान दें। आठवीं कक्षा में ही अपनी मां की इसी इच्छा को गांठ बांधकर जीतोड़ मेहनत करने में जुटे राघव ने बताया कि उनकी मां ने हमेशा उनकी जरूरत को प्राथमिकता रखा। यहां तक कि बेटे की सोसायटी को भी। परिवार की हर बात पर बारीक जांच ने उन्हें समाज में यह सम्मानजनक पहचान दिलाई है।

डॉक्टर राघव बताते हैं कि जब उन्होंने परिवार की इच्छा को पूरा किया था तो घर में कई दिन जश्न मना था। राघव की स्कूलिंग मेला देवी कालड़ा पब्लिक स्कूल पठानकोट से हुई। उनकी माता दिनभर अपने घरेलू कार्य में व्यस्त रहती। रात व तड़के बेटे के साथ बैठकर कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करती। प्लस टू एसएमडी आरएसडी कॉलेज पठानकोट से पास की। फिर मेडिकल इग्जाम पास करके दंत चिकित्सक बनने के लिए तामिलनाडु स्थित एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी मद्रास चले गए। वहां पांच साल तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद साल 2005-06 में डेंटल इंप्लांटोलॉजी में महारत हासिल करने के लिए स्वीडन चले गए। 2006 में पठानकोट आकर ढांगू रोड स्थित अपने नाम पर राघव क्लीनिक खोला। इसी दौरान उनकी शादी दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लवलीन वर्मा के साथ हुई। अब उनकी एक चार वर्षीय बेटी अवनी वर्मा है, जबकि छोटे भाई सिद्धार्थ वर्मा बतौर कंस्ट्रक्शन इंजीनियर बन कर चंडीगढ़ में सेटल हैं।

पठानकोट के कांगड़ा व ढांगू रोड पर चल रहे रहे क्लीनिक में अब डॉक्टर राघव की प नी लवलीन उन्हें पूर्ण सहयोग कर रही हैं। दोनों का एक ही सपना है कि लोगों की बत्तीसी हमेशा खिली रहे। डेंटल इंप्लांटोलॉजी का फायदा हर जरूरतंमद वर्ग को मिले।

प्रशासनिक अधिकारी इरीगेशन डिपार्टमेंट पंजाब से रिटायर्ड सुरेंद्र वर्मा के पुत्र डॉक्टर राघव मानते हैं कि आज डॉक्टरों के प्रोफेशन के प्रति बहुत से लोग तरह-तरह की भ्रांतियां पाल चुके हैं। ऐसे में जरूरत है इन भ्रांतियों को छोड़कर डॉक्टर के ट्रीटमेंट पर भरोसा करने की।

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पाए कई सम्मान

-डॉक्टर राघव वर्मा को डेंटल इंप्लांटोलॉजी में किए गए सफल मामलों के लिए 2008 में दिल्ली में सम्मानित किया गया था।

-2009 में चंडीगढ़ में आयोजित एक विशाल समारोह में फैलोशिप से सम्मानित किया गया था।

2011 में दिल्ली में डिप्लोमेट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

पिछले सप्ताह ही वियाना (यूरोप) में विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया है।


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