लीड : स्लम एरिया के बच्चों को शिक्षित करना शशि का उद्देश्य
राज चौधरी,पठानकोट स्लम एरिया एवं पिछड़ी जातियों के बच्चों को शिक्षित करने के लिये पिछले कई वर्षो स
राज चौधरी,पठानकोट
स्लम एरिया एवं पिछड़ी जातियों के बच्चों को शिक्षित करने के लिये पिछले कई वर्षो से संघर्षरत केन्द्रीय विद्यालय की अध्यापिका शशि कला की मेहनत को विगत वर्ष उस समय सफलता मिली जब ब्रिटिश कौंसिल में उनकी ओर से स्कूल स्तर पर शुरू किये गए इस प्रोजेक्ट को सफलता मिली तथा स्कूल को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
शशि कला की ओर से स्लम एरिया एवं पिछड़ी जाति के बच्चों के उत्थान के लिये अपनी टीम के साथ लंबे समय तक काम किया गया। शशिकला बतौर इस प्रोजेक्ट की लीडर थी। वह इन दिनों केन्द्रीय विद्यालय नम्बर-1 में बतौर सामाजिक विज्ञान की अध्यापिका कार्यरत हैं तथा सुजानपुर में अपने बेटे वेदांश तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रह रही है।
दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान शशि कला ने बताया कि वह चाहती है कि समाज में ऐसा कोई बच्चा न रहे जो शिक्षा से अधूरा रहे। स्लम एरिया से जुड़े बच्चों को शिक्षित करने का कार्य उनकी ओर से न केवल पठानकोट बल्कि इससे पहले अपनी जॉब में रहते हुए कठुआ, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य जिलों में भी रहते हुए ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित करने एवं पाठय सामग्री देकर उनका मार्ग दर्शन कर चुकी है।
अब बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ शशिकला की ओर से नैतिक मूल्यों, मातृ भाषा एवं हिन्दी के उत्थान के लिये भी कार्य किया जा रहा है। बुढ़ापे के दौरान अपने बुजुर्ग माता-पिता को घरों से बाहर निकालने तथा उन्हें न संभालने के कारण ऐसे बुजुर्गो को आ रही परेशानियों को खत्म करने के लिये वह दिन रात कार्यरत है।
शशिकला कहती है कि जब कभी भी उन्हें किसी ऐसे बुजुर्ग का पता चलता है तो वह सीधे उनके घर पहुंच जाती है। ऐसे में वह बच्चों की कौंसलिंग करके, इन बुजुर्गो को अपने साथ रखने हेतु अपील करती है। थोड़ा बहुत समझाने के बाद काफी हद तक ऐसे मामले सुलझ जाते हैं।
शशिकला कहती है कि जब तक उनका जीवन है तब तक वह नैतिक मूल्यों सहित स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों के उत्थान के लिये प्रयासरत रहेगी।