आतंकवादियों से कम नहीं है कुत्तों का खौफ
संवाद सहयोगी, कलानौर
खेतों में रात के समय व सड़कों से गुजरने वाले राहगीरों के अलावा अन्य लोग भी परेशानी से गुजर रहे हैं, लेकिन कुत्तों की दिन प्रतिदिन बढ़ रही संख्या व कुत्तों के हमलों के बावजूद सरकार इस प्रति गंभीर दिखाई नहीं दे रही। कुत्तों की बढ़ रही संख्या से चिंतित क्षेत्र के किसान व राहगीरों ने आवारा कुत्तों की बढ़ी संख्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके गांव के आसपास कुत्तों के झुंड घूमते आम दिखाई देते हैं, जो रात के समय पालतु पशुओं को निशाना बना रहे हैं। इस संबंधी समाज सेवक धर्मिद्रजीत सिंह, परमिन्दर सिंह, किसान काबल सिंह, कुलदीप सिंह, रवेल सिंह, भगवान सिंह, नत्थू राम आदि ने बताया कि मीट मास की दुकानों व पैलेसों के बाहर फेंके गए अवशेषों को खाकर कुत्ते खूंखार हो गए हैं। कुत्तों के काटने के कारण होने वाले हलकाव की चाहे लोगों में भारी दहशत है, लेकिन पीड़ित हलकाव रोकने के टीके महंगे होने के कारण उन्हें लगवाने की जगह कटी जगह पर हल्दी व सरसों का तेल व लाल मिर्च व कपड़े धोने वाले साबुन आदि लगाने को पहल दे रहे हैं। इस संबंधी एसएमओ डॉ. किशन चंद ने बताया कि इस क्षेत्र में कुत्तों के काटने वाले रोगियों को विभाग द्वारा मुफ्त टीके लगाए जा रहे हैं।