कारगिल शहीदों को सैल्यूट
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर :
कारगिल युद्ध, जिसे विजय दिवस के रूप में याद किया जाता है, के शहीद सैनिकों को नमन करने के लिए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद की ओर से जिला एनआरआइ सभा के प्रधान एनपी सिंह की अध्यक्षता में एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। समारोह में परिषद के महासचिव कुंवर रविन्दर सिंह विक्की विशेष तौर पर शामिल हुए। इस मौके पर सबसे पहले कारगिल शहीदों के सम्मान में कैंडल मार्च निकाला गया। उसके बाद आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबंधित करते हुए कुंवर विक्की ने कहा कि कारगिल युद्ध शहीदों के शौर्य का प्रतीक है। जब भी किसी दुश्मन की नापाक नजर भारत माता के पाक दामन पर पड़ी तो देश के जांबाज सैनिकों ने उनके इरादों को नेस्तनाबूद कर दिया। इसी बहादुरी की इबारत आज से 15 वर्ष पूर्व 26 जुलाई 1999 को हमारे वीर सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के कारगिल युद्ध में लिखी। इस युद्ध में 527 वीर सैनिकों ने अपना बलिदान देकर कारगिल की बर्फीली चोटियों से पाक सेना को खदेड़कर तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा कि छह मई 1999 से लेकर 26 जुलाई 1999 के इस कारगिल युद्ध में कई माताओं की कोख उजड़ गई, कई सुहागिनों का सुहाग मिट गया।
इस बारे में एनपी सिंह ने कहा कि आज का दिन शहीद परिवारों के सम्मान का दिन है। सरकार को विजय दिवस प्रत्येक वर्ष राज्य स्तर पर मनाना चाहिए। इससे न सिर्फ शहीद परिवारों का मान सम्मान बहाल होगा, बल्कि देश की युवा पीढ़ी में देश भक्ति की भावना का संचार होगा। समारोह में कारगिल युद्ध के शहीद परिवारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर शहीद लांस नायक रणबीर सिंह की पत्नी सविता कुमारी, शहीद सिपाही मेजर सिंह के भाई गुरमुख सिंह, शहीद जतिन्दर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सतवंत सिंह के पिता कश्मीर सिंह, सूबेदार शक्ति पठानिया, प्रिंसिपल जुगल किशोर, सुभाष चन्द्र, कैप्टन अष्टम सिंह, मोहिंदर पाल, शमशेर सिंह, विजय कुमार, रणजीत सिंह, लक्की सलारिया भी उपस्थित थे।