भरोली-पठानकोट कैंट के बीच दोहरीकरण का कार्य पूरा
विनोद कुमार, पठानकोट
पठानकोट कैंट से भरोली जंक्शन के बीच दोहरीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। भरोली जंक्शन से पठानकोट कैंट तक (नलवा नहर पर बने ब्रिज सहित) कुल 2.06 किलोमीटर तक ट्रैक के दोहरी करण पर लगभग 15 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है। नलवा नहर पर बने पुल का डिजाइन परेल (महाराष्ट्र) में तैयार किया गया था, जिसे पूरा करने में 14 महीने लगे हैं।
25 टन की क्षमता वाला है पुल
कंस्ट्रक्शन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पुराने पुल के मुकबाले नया पुल ज्यादा मजबूत है। पुराना पुल 22.5 टन की क्षमता वाला था जबकि नया पुल 25 टन क्षमता वाला है, जिसे रेलवे की वर्कशाप में बनाया गया है।
जनवरी 2013 में शुरू हुआ था काम
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 के रेल बजट में तत्कालीन रेल मंत्री पवन बंसल ने योजना को हरी झंडी दी थी। जिस पर जनवरी 2013 में काम शुरू हुआ था।
डबल ट्रैक बनने से क्या होगा लाभ
दोहरीकरण का काम पूरा होने के बाद जहां बार-बार फाटक बंद होने की समस्या से काफी निजात मिलेगी, वहीं जम्मूतवी को जाने वाली गाड़ी को निर्धारित समय से ज्यादा नही रोका जाएगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पठानकोट कैंटसे भरोली जंक्शन तक सिंगल लाइन होने की वजह से कई बार गाड़ी को निर्धारित समय से ज्यादा रोकना पड़ता है। लेकिन, डबल लाइन होने के बाद इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा।
व्यापार मंडल व स्वयं सेवी संस्थाओं ने जताया आभार:
व्यापार मंडल पठानकोट के अध्यक्ष राजेश शर्मा, महासचिव रमेश अरोड़ा सहित शहर की धार्मिक व स्वंय सेवी संस्थाओं ने डबल ट्रैक शुरू होने पर बार- बार फाटक बंद होने की संख्या में कमी आएगी जिससे लोगों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे की भांति पंजाब सरकार भी पठानकोट कैंट फाटक पर आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) की योजना को अमलीजामा पहनाकर फाटक बंद होने की समस्या से छुटकारा दिलाए।
ट्रायल के बाद शुरू हो जाएगा परिचालन :
उधर, कंस्ट्रक्शन विभाग के एक्सईएन रमेश कुमार का कहना था कि ट्रैक बिछाने का लक्ष्य 31 मार्च तक था जिसे समय पर पूरा कर दिया गया। अब सिग्नल एवं कांटे जोड़ने का काम रह गया है इसके बाद चीफ रेलवे सेफ्टी ट्रैक का इंजन में बैठकर ट्रायल लेंगे और फिट मिलते ही नए ट्रैक पर रेलगाड़ियों का आवागमन शुरू हो जाएगा।